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अतीत के आईने में आकोला की विभूतियां : इनमें से एक है कर्मयोगी स्व . श्री छगनलाल जी हींगड़

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आकोला ।
आकोला के जाने-माने प्रसिद्ध समाजसेवी एवं जनसंघ के स्थानीय स्तर पर अपने जमाने के जुझारू नेता रहे छगनलाल जी हींगड़ के 41वे पुण्य स्मृति दिवस पर आकोला की नई पीढ़ी को हींगड़ सा की जीवन यात्रा व उनके कामों से रुबरु कराना चाहते है जो उनसे अनभिज्ञ हैं।
सन साठ के दशक में छगनलाल जी आकोला ग्राम पंचायत के सरपंच भी रहे। वो जनसंघ की स्थापना से ही इस पार्टी से जुड गए थे और जीवन भर इससे जुड़े रहकर आकोला में जनसंघ को मजबूत करने में लगे रहे हालांकि उस समय में आकोला में जनसंघ के गिने चुने कार्यकर्ता ही थे पर ये सभी जनसमस्याओं के निराकरण के लिए अपनी आवाज बुलंद करते रहते थे और छगनलाल जी हींगड़ इसमें अग्रणी भूमिका निभाते थे।सन सत्तर के दशक में हुए लोकसभा चुनाव में पुरे देश में जनसंघ के करीब दो सांसद चुने गए थे उनमें से एक सांसद चितौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे।जिनका नाम विश्वनाथ झुनझुनवाला था। उनकेे लिए भी छगनलाल जी ने कई कार्यकर्ताओ के साथ जमकर चुनाव प्रचार किया। छगनलाल जी की सांसद झुनझुनवाला के काफी नजदीक थे। सन 1977के लोकसभा विधानसभा चुनाव में भी वो सक्रिय रहे। तत्कालीन चितौड़गढ़ सांसद श्याम सुंदर सोमाणी व कपासन की तबकी विधायक रही श्यामा कुमारी सेगर भी छगनलाल जी हींगड़ का पुरा सम्मान करते थे और जब भी इन नेताओं का आकोला आना होता तो इनकी मिटिंग छगनलाल जी के आवास पर ही होती थी। छगनलाल जी आकोला व आसपास के गांवों में लोगों और किसानों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उस समय जब भी बडग़ांव बांध से संबंधित जल वितरण कमेटियों की बैठक होती तो उसमें शामिल होकर कमांड क्षेत्र के हित में आवाज उठाते थे। इसके अलावा हींगड़ साहब गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु भी प्रयास किया करते थे।सन1960के दशक में जब आकोला ग्राम में बेडच नदी के किनारे जवाहर नगर बस्ती बसाने में भी छगनलाल जी ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। एक हिसाब से देखा जाए तो छगनलाल जी हींगड़ अपने दौर में एक आलराउंडर की भूमिका में रहे जिन्होंने व्यापार, खेती बाड़ी, राजनीति और समाज सेवा में एक साथ अग्रणी भूमिका अदा की। लोगों के सुख-दुख में हमेशा आगे रहते थे। गरीबों के सच्चे साथी थे। समाजसेवी के रूप में भी मेवाड़ में उनकी पहचान थी और समाज के कामों में बढ चढकर भाग लेते थे। जैन साधु संतों की सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे। मेवाड़ धरा के महान तपस्वी संत श्री अंबालाल जी महाराज सा के परम भक्त शिष्य थे। छगनलाल जी जीवन पर्यन्त अपने धर्म के प्रति समर्पित रहे। उन्हें दुनिया से गुजरे 40 साल से भी अधिक समय हो गया है लेकिन आज भी आकोला के लोग उनके योगदान और कामों को याद करते हैं। छगनलाल जी बासा के सपूत्र श्री बलवंतसिंह जी हिंगड़ भी समाज सेवा एवं राजनिति के क्षैत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने भी अपने समाज में देश भर मे अपनी पहचान बनाई है।
समाजसेवी श्री छगनलाल जी हींगड़ के पुण्य स्मृति दिवस पर क्षैत्रवासियो़ के साथ साथ हम भी इस विभूति को शत् शत् नमन करते हैं।

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