New delhi. मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों और गरीबों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील है और खाद्य और उपभोक्ता कार्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है कि कोई भी भूखा न रहे। केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कृषि भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से आज बातचीत के दौरान यह बात कही। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12मई 2020को 20लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और विस्तृत पैकेज की घोषणा की थी। आर्थिक उपायों (आत्म निर्भर भारत अभियान) के अंतर्गत वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रवासी कामगारों सहित गरीबों की सहायता के लिए अनेक छोटे और दीर्घकालिक उपायों की घोषणा की। इनमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून या राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) कार्ड व्यवस्था में शामिल नहीं किए गए 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को प्रति व्यक्ति प्रति माह दो महीने के लिए (मई और जून, 2020) 5किलोग्राम मुफ्त अनाज और दालों का वितरण शामिल है।
केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने नई दिल्ली में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बातचीत की
श्री पासवान ने कहा कि कोविड-19 की इस अनिश्चित स्थिति के दौरान प्रवासियों की दुर्दशा को कम करने और उन्हें तथा उनके परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, 8 एलएमटी खाद्यान्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया है और भारत सरकार राज्य के भीतर परिवहन, डीलरों के मार्जिन आदि सहित इस वितरण के मद में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार आवंटन आदेश जारी किए गए हैं। किसी विशेष राज्य/संघ शासित प्रदेश में एनएफएसएके अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की कुल संख्या का 10% हिस्सा आवंटन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे लाभार्थियों की पहचान और उन्हें खाद्यान्न का वितरण संबंधित राज्य/ संघ शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी।
पासवान ने बताया कि राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे एक ऐसा तंत्र स्थापित करें, जिसमें आवंटित खाद्यान्न पूरी तरह वितरित करने के बाद उसका वितरण कुल मिलाकर पीएमजीकेएवाई के मामले में अपनाए गए पैटर्न पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ साझा किया जा सके। राज्य/संघ शासित प्रदेश बचे-खुचे/शेष खाद्यान्न के साथ विवरण की जानकारी 15 जुलाई, 2020 तक दे सकते हैं, यदि कोई हो। श्री पासवान ने कहा कि वह खाद्यान्न के वितरण की समीक्षा करने के लिए अगले सप्ताह सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
इसके अलावा, श्री पासवान ने कहा कि ‘वन नेशन वन कार्ड’योजना के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए, विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (आईएम-पीडीएस) का एकीकृत प्रबंधन शुरू किया है। उन्होंने आगे बताया कि 1 मई 2020 तक 17 राज्यों संघ शासित प्रदेशों के लाभार्थियों ने ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि जून 2020 तक 3 और राज्य/संघ शासित प्रदेश जुड़ जाएंगे और अगस्त, 2020 तक कुल 23 राज्य/संघ शासित प्रदेश इस योजना का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि डीओएफपीडीमार्च 2021 तक सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में इस योजना को लागू करने का लक्ष्य बना रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में, प्रवासी मजदूर ओएनओसीयोजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि पीडीएस लाभार्थी ‘वन नेशन वन कार्ड’ में शामिल राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों में किसी भी समय बायोमीट्रिक सत्यापन के साथ किसी भी एफपीएस की दुकान से अपना राशन कार्ड ले सकते हैं।