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जयपुर, 2 मार्च। राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राजसमंद जिले की दो तहसील आमेट व राजसमंद में आने वाले राजस्व ग्राम ‘खेतों की भागल’ को एक ही तहसील क्षेत्र में रखने की कार्यवाही की जाएगी।
श्री चौधरी प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दो तहसील क्षेत्र आमेट व राजसमंद में आने वाले इस गांव को एक ही तहसील में रखने की व्यवस्था देने पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इस गांव को एक ही तहसील में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट भी आ गई है लेकिन उस पर केवल अध्यक्ष के हस्ताक्षर होने और सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण रिपोर्ट अधूरी है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रशासनिक आवश्यकताओं, ग्रामीणों की सुविधा व भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये तथा गुणावगुण के आधार पर पटवार हलकों का निर्माण एवं परिवर्तन किया जाता है।
इससे पहले विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी के मूूल प्रश्न के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि पटवार मण्डल का पुनर्गठन राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 30 एवं राजस्थान भू-राजस्व (भू.अ.) नियमावली, 1957 के नियम-1 के तहत किया जाता है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर प्रशासनिक आवश्यकताओं व भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये कुछ क्षेत्रों में पटवार मण्डल एवं पंचायत की सीमाऎं एक की गई हैं।
श्री चौधरी ने बताया कि ग्राम वासियों के आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये हैं, किन्तु जिला कलक्टर राजसमंद द्वारा राजस्व मण्डल अजमेर के पत्र दिनांक 1 जून, 2015 के माध्यम से राजस्व ग्राम खेतों की भागल पटवार मण्डल आईडाणा तहसील आमेट को तहसील आमेट से हटाकर तहसील राजसमंद के पटवार मण्डल करेडा में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भिजवाया गया था। यह सभी प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को सुझाव हेतु प्रेषित किये गये। समिति के अध्यक्ष द्वारा 2018 में सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमे सहसीमांत से संबंधित सुझाव नहीं है। प्राप्त रिपोर्ट पर केवल समिति के अध्यक्ष के हस्ताक्षर है अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं हैं। वर्तमान में यह समिति अस्तित्व में नहीं है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार के परिपत्र क्रमांक प.5(64) सीओआई/सम/डीईएस/2019/ पार्ट-1/1160 दिनांक 15 अक्टूबर, 2019 द्वारा लेख है कि दिनांक 31 दिसम्बर, 2019 के पश्चात राज्य में जिलों, तहसीलों, कस्बाें एवं ग्रामों के प्रशासनिक क्षेत्रधिकार सीमाओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाये, जब तक कि 2021 की जनगणना का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता। अतः वर्तमान में प्रकरण के संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
श्री चौधरी ने बताया कि प्रकरण फिलहाल राज्य स्तर पर परीक्षणाधीन है। प्रशासनिक आवश्यकताओं, ग्रामीणों की सुविधा व भैेगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये यथा सम्भव प्रत्येक प्रकरण में गुणावगुण के आधार पर राज्य सरकार सीमाऎं समान रखने के पक्ष में है।
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