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आर्ट लोक स्टूडियोज ऑफ रियलिस्टिक विजुलाइजेशन द्वारा एकल नाट्य समारोह “‘सोलो सागा”का दूसरा दिवस

भोपाल. आर्ट लोक स्टूडियोज ऑफ रियलिस्टिक विजुलाइजेशन द्वारा एकल नाट्य समारोह ‘सोलो सागा’ का आयोजन किया जा रहा है।जिसके दूसरे दिन हरिशंकर परसाई जी की कहानी मखमल की म्यान पर सोलो थियेटर प्रस्तुति दी गई।
आर्ट लोक स्टूडियो एक प्रोफेशनल संस्था है जो प्रायोगिक नाट्य परफोर्मिंग कलाओं के दृष्टिकोण से पारंपरिक नाट्य शैली के साथ आधुनिक कला विधियों का समावेश करके एक नई शैली को तलाशने एवं गढ़ने की और अग्रसर है।
आशुतोष द्विवेदी का सशक्त अभिनय दर्शको को बांधे रखने मे सफल रहा। उन्होंने नाट्यकला का अद्भुत मंचन करते हुए परसाई जी की व्यंग्य रचना मखमल की म्यान को सजीव कर दिया।
टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विश्वविद्यालय के निदेशक श्री मनोज नायर जी ने नटराज की मूर्ती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। नाटक का निर्देशन श्री संतोष राजपूत ने किया। राजश्री त्रिवेदी जी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।
आर्ट लोक स्टुडियों के अध्यक्ष अपूर्व दत्त मिश्रा ने कहा कि हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार हरिशंकर परसाई की कहानियों पर आधारित सोलो थियेटर परफॉर्मेंस का आयोजन पद्मश्री गुलवर्धन जी, शांति बर्धन जी एवं के. जी. त्रिवेदी जी की स्मृति में आयोजित किया गया। आज इस सोलो थियेटर फेस्टीवल के का समापन है लेकिन ये नये प्रयोग की और हमारा पहला कदम था और हम नये रास्ते खोजने व नया करने के लिए निरन्तर अग्रसर रहेंगे । हम सभी को आप दर्शको का धन्यवाद करते है और उम्मीद करते है कि आपका स्नेह हमे आगे भी मिलता रहेगा।
नाटक के बाद निर्देशक, कलाकार, अतिथि मनोज नायर एवं दर्शकों कि बीच एक वार्तालाप सत्र रखा गया जिसमे नाटक को देखने के पश्चात दर्शको की जिज्ञासा को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया।

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