जयपुर, 4 जून। परिवहन एवं उदयपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा है कि कोरोना महामारी से निबटने के लिए अब तक जिले में अच्छा कार्य हुआ है अब ब्लैक फंगस और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की दिशा में भी बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करें।
श्री खाचरियावास शुक्रवार को उदयपुर के जिला परिषद सभागार में कोविड प्रबंधन से जुड़े हुए अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे।
जिले में कोरोना की वर्तमान स्थितियों और संबंधित समस्त विषयों पर गहनता से जानकारी ली और कोरोना प्रबंधन के साथ वैक्सीनेशन व इसके लिए जागरूकता पैदा करने के विषय पर समस्त संबंधित अधिकारियों को पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना रोगियों की सार-संभाल के लिए अटेंडेंट को अनुमति देने के निर्देश दिए और कहा कि यह अच्छी बात है कि उदयपुर अस्पताल में कोरोना रोगियों के साथ 14 दिन रहकर गए अटेंडेंट में कोई भी कोरोना पॉजीटिव नहीं आया है।
बैठक के आरंभ में जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने जिले मे कोरोना की वर्तमान स्थिति, बचाव के लिए किए गए इन्तजाम, जिले के विभिन्न ब्लॉक्स मे कोरोना प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित कराने हेतु किये गए प्रयासों, ऑक्सीजन प्रबंधन, जिले में 14 स्थानों पर संचालित हो रहे कोविड कंसल्टेशन व केयर सेंटर के संचालन, यहां पर उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सेवाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी ने पावर प्वाईंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में कोरोना प्रबंधन के समस्त आंकड़ों को प्रस्तुत किया।
समीक्षा बैठक दौरान प्रभारी मंत्री श्री खाचरियावास ने जिले में ब्लैक फंगस के प्रकरणों के बारे में जानकारी ली तो आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि संस्थान में 152 प्रकरण आए है जिसमें से उदयपुर जिले के मात्र 25 तथा अन्य प्रकरण प्रदेश के 12 अन्य जिलों व समीपस्थ गुजरात व मध्यप्रदेश के हैं। उन्होंने इन प्रकरणों में 78 पेशेंट के कोरोना पॉजीटिव व 67 के निगेटिव होने की जानकारी दी और बताया कि इनमें से 13 रिकवर होकर गए है, 38 की सर्जरी की गई है तथा 138 भर्ती है जिनमें 12 वर्ष का एक रोगी भी है। प्रभारी मंत्री ने ब्लैक फंगस को प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती बताया और सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने उदयपुर में 12 वर्ष के बच्चे के ब्लैक फंगस से पीड़ित होने पर चिंता जताई और इस पर विशेष ध्यान देने को कहा।
ब्लैक फंगस पर स्टडी को सराहा, मांगी रिपोर्ट ः
ब्लैक फंगस की समीक्षा के दौरान जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू ने बताया कि एमबी हॉस्पीटल में आए ब्लैक फंगस के रोगियों तथा इनके लक्षणों, कारणों, उनकी शारीरिक स्थिति, कोरोना संक्रमण, अन्य बीमारियों के होने आदि के संबंध में विस्तृत डाटा जुटाया जा रहा है जिससे इसके रोग के कारणों व इलाज के बारे में अध्ययन किया जाएगा। इसी प्रकार आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल ने 2018 में लिखी एक किताब में इसकी भयावहता के बारे में लिखे तथ्य को उजागर किया और बताया कि किताबों में लिखे इसके लक्षणों व कारणों के विपरित स्थितियां रोगियों में पाई गई हैं। इसी प्रकार एमबी अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि पाए गए मरीजों में से 19 मरीजों को ऑक्सीजन व 49 को एस्टीरॉईड देना पाया गया जबकि 30 मरीज ऎसे थे जो ऑक्सीजन पर नहीं थे परंतु इन्हें एस्टीरॉईड देना पाया गया। स्मार्ट सिटी सीईओ नीलाभ सक्सेना ने भी औद्योगिक ऑक्सीजन सिलेंडर्स में फंगस की स्थितियों के कारण भी इसकी संभावना की जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने उदयपुर जिले में ब्लैक फंगस पर विशेषज्ञों के अध्ययन की सराहना की और इसकी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा।
जून से 3 प्रतिशत हुई है पॉजीटिविटी रेट ः
बैठक मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि जिले में कोरोना पॉजीटिविटी की दर 32 प्रतिशत से लेकर वर्तमान मे 3 प्रतिशत तक होने की जानकारी दी। कलक्टर देवड़ा ने बताया कि बताया कि जिले में सैंपल लगातार बढ़ाए जा रहे है जिसका असर लगातार संक्रमण की कमी के रूप मे देखा गया है। जिले में सर्वाधिक 1506 प्रकरणों के साथ 32.86 प्रतिशत पॉजीटिविटी दर रही, वहीं मई में तो यह 36.5 प्रतिशत भी रही थी। प्रभारी मंत्री ने कोरोना प्रबंधन में जिला प्रशासन के प्रयासों को सराहा।
ऑक्सीजन प्रबंधन, कोविड केयर सेंटर्स की तारीफ की ः
समीक्षा बैठक में कलक्टर देवड़ा ने जिले में 34 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के प्रयास व वर्तमान में प्रतिदिन 352 सिलेंडर्स की आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही ब्लॉक स्तर पर 440 बेड के 14 कोविड कंसल्टेंशन एंड केयर सेंटर्स स्थापित करने तथा 233 बेड पर ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने इन सेंटर्स के माध्यम से रोगियों के ठीक होने तथा यहां पर अगले माह तक पॉवर बैक अप की व्यवस्था करने की जानकारी देते हुए कहा कि इनसे तीसरी लहर आने की स्थिति में गांवों के रोगियों को गांवों में ही इलाज करवा सकेंगे। कलक्टर ने जिले में 517 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था करने तथा डोर-टू-डोर सर्वे में 54 हजार मेडिकल किट वितरण के बारे में भी जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने प्रशासन के इन समस्त प्रबंधनों की तारीफ की।
बैठक में स्थानीय जन प्रतिनिधि संबंधित अधिकारी मौजूद थे।