जयपुर। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि उदयपुर जिले की सलूम्बर तथा झल्लारा तहसील में 33 प्रतिशत से अधिक हुए फसल खराबे में प्रभावित किसानों का डेटा अपलोड करने के लिए तहसीलदार को पाबंद किया जा चुका है।
श्री मेघवाल प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल संवत् 2079 (वर्ष 2022) के तहत उदयपुर की सलूम्बर तथा झल्लारा में 33 प्रतिशत से अधिक हुए फसल खराबे में 52 हजार 631 किसान प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि डीएमआईएस पोर्टल खोला जा चुका है तथा इस पोर्टल पर इन प्रभावित किसानों का डेटा अपलोड करने के लिए तहसीलदार को पाबंद किया जा चुका है। उन्होंने एसडीआरएफ नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि फसल खराबे पर सिंचित क्षेत्र में 17 हजार तथा असिंचित क्षेत्र के कृषकों साढ़े आठ हजार का मुआवजा दिया जाता है।
इससे पहले आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने विधायक श्री प्रताप लाल भील के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2022 में जिला उदयपुर में अतिवृष्टि से हुई बाढ़ से तहसील सलूम्बर एवं झल्लारा में फसल खराबा हुआ है तथा खरीफ फसल संवत् 2079 (वर्ष 2022) की गिरदावरी करवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में तहसील सलूम्बर एवं झल्लारा में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक फसल खराबा वाले प्रभावित पात्र कृषकों को एसडीआरएफ नोर्म्स के अनुसार कृषि आदान-अनुदान देय है, जिसके लिए दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है।