फतहनगर। भारतीय जनता पार्टी मण्डल फतहनगर सनवाड़ द्वारा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा राजसमंद के कुंवारिया गांव में चुनावी सभा में महाराणा प्रताप के संघर्ष को आम जनता के समक्ष रखते हुए जिस प्रकार से शब्दों का चयन किया और उस पर जो विवाद उत्पन्न हुआ उस पर संबंधित पक्षों से भावनात्मक रूप से विषय को समझने और उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की अपील की। भारतीय जनता पार्टी मंडल फतहनगर सनवाड़ के मंडल अध्यक्ष नितिन सेठिया,उदयपुर देहात के जिला उपाध्यक्ष गणपतलाल स्वर्णकार, कार्यवाहक मंडल अध्यक्ष राधेश्याम बागला, नगरपालिका चेयरमैन मंजू भील,पूर्व चेयरमैन कल्याणसिंह पोखरना, मनोहरलाल चपलोत,सुनील डांगी, राजेश चपलोत,पूर्व मंडल अध्यक्ष महेश सोनी,मन्नालाल लावटी,बिहारीलाल अग्रवाल,मंडल महामंत्री अशोक मोर,फूलचन्द कुमावत,रोशनलाल खटीक, पूर्व मंडल महामंत्री हेमेंद्रसिंह राणावत, राजेन्द्र मोर, सत्यनारायण अग्रवाल,वरिष्ठ नेता अशोकसिंह राणावत, करणसिंह ओगना खेड़ा, भगवतसिंह गौड़ ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर मेवाड़ के जन जन की समस्याओं के समाधान के प्रति सदैव सजग रहने वाले शाश्वत सिपाही और मेवाड़ के गौरवमयी इतिहास को गरिमा प्रदान करने वाले, प्रदेश के शिक्षामंत्री पद पर रहकर मेवाड़ के इतिहास को नवीन आयाम देकर मेवाड़ शिरोमणि प्रातःस्मरणीय महाराणा प्रताप को पाठ्यपुस्तकों में समुचित सम्मान दिलाने वाले । मेवाड़ के हर – जन की सेवा के प्रति समर्पित रहने वाले गुलाबचंद कटारिया ने मेवाड़ को अपने ह्रदय में बसा कर प्रभु एकलिंगनाथ के प्रति अगाध आस्था और प्रातःस्मरणीय महाराणा प्रताप के प्रति सच्ची श्रद्धा को व्यक्त करते रहे है ।गुलाब जी का सम्पूर्ण जीवन शुचिता ओर सिध्दांतो का परिचायक रहा है । हाँ यह जरूर है ह्रदय के सच्चे व सरल होने के कारण उनमे राष्ट्रवादी आवेग ओर स्वाभाविक आवेश उनके संबोधन में सहजता से आ जाता है । लेकिन उनके निश्छल ह्रदय में मेवाड़ के ऐतिहासिक महापुरुषो ओर मेवाड़ का हित चाहने वाले राजनीति के महामनाओ के प्रति सदैव सम्मान का भाव रहा है चाहे वह सुखाड़िया जी जैसे विरोधी दल के ही क्यों न हो । ऐसे सिध्दांतो के प्रति समर्पित गुलाब जी स्वप्न में भी महाराणा प्रताप के सम्मान को आहत करने की नही सोच सकते । कुंवारिया में उनके द्वारा सम्बोधन का सम्पूर्ण मन्तव्य महाराणा प्रताप के निस्वार्थ त्याग व संघर्ष को निरूपित करना था । कटारियाजी भी मेवाड़ में जन्मे पले बढ़े । उन्मुक्तकता ओर स्वाभाविक जोश जुनून अपने संबोधन में आ जाना मेवाड़ के अनुवांशिक लक्षण है । गुलाब जी की सहज वार्ता में प्रताप के विराट बलिदान ओर त्याग को स्मृति कर मेवाड़ के आमजन को महाराणा प्रताप के स्वाभिमान ओर संघर्ष से अवगत करा कर उसकी रक्षा करने का आव्हान था । इसके बावजूद उनके संबोधन से किसी का ह्रदय आहत हुआ हो तो उस हेतु उनका दो बार सार्वजनिक क्षमा का भाव शाश्वत सनातन परंपरा , सच्चे महाराणा प्रताप के अनुयायी व पक्के मेवाड़ी होने का परिचायक है ।
भाजपा नेताओं ने क्षत्रिय समाज के वरिष्ठजनों,युवाओं एवम अन्य सभी बन्धुओ को जो कटारिया जी के शब्दों से आहत हुए है उनसे निवेदन किया है कि वे शांति और क्षमा का भाव रखते हुए मेवाड़ के हित में इस विवाद का पटाक्षेप करे।
Home>>फतहनगर - सनवाड>>कटारिया का भाषण: भावात्मक रूप से विषय को समझने और उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की अपील की।
फतहनगर - सनवाड