उदयपुर 12 अप्रैल। कोचिंग संस्थाओं पर प्रभावी नियंत्रण एवं इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल तथा सुरक्षा प्रदान करने हेतु जिला स्तरीय कोचिंग निगरानी समिति का गठन किया गया है। समिति की पहली बैठक बुधवार सबह कलेक्ट्रेट सभागार में जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष एवं एडीएम ओपी बुनकर द्वारा ली गई। बैठक में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की कड़ी अनुपालना के निर्देश दिए गए। साथ ही कोचिंग संचालकों की समस्याओं को भी सुना गया। सीईओ ने कहा कि प्रतिमाह इस समिति की बैठक आयोजित कर समीक्षा की जाएगी।
कोचिंग संचालकों के लिए निर्देश जारीः
बैठक में जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष ने कोचिंग संचालकों से कहा कि अपने परिसर में स्टूडेंट्स के लिए प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था रखें। साथ ही समय-समय पर स्टूडेंट्स की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी हो जिससे कि आत्महत्या की प्रवृति पर रोकथाम लगाने में हम योगदान दे सकें। उन्होंने कोचिंग संस्थाओं को स्टूडेंट फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने दिशा-निर्देशों की जानकारी देकर इनकी अक्षरश अनुपालना करने की बात कही। उन्होंने शिक्षकों को संवेदनशील रहने, सकारात्मक सोच के साथ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने, किसी भी स्थिति में विद्यार्थियों को हतोत्साहित नहीं करने, फीडबैक फॉर्म की अनिवार्य रूप से व्यवस्था करने, केयर टेकर नियुक्त करने आदि को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
नियंत्रण कक्ष स्थापित
बैठक में बताया कि जिले में संचालित कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण हेतु नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है। वर्तमान में उदयपुर कलेक्ट्रेट के कमरा नंबर 102 में यह संचालित है और इसके प्रभावी संचालन के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि संबंधित शिकायत आने पर तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित किया जावें।