शादी समारोह में 250 व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी सम्पूर्ण जिले में लगाये गये रात्रिकालीन कफ्र्यू को किया समाप्त नई गाईड लाईन शनिवार से लागू होगी
सीकर। जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अविचल चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर सीकर जिले में निरन्तर नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित पाये जाने से कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रमण फैलने की सम्भावनाओं के मध्यनजर नागरिकों के स्वास्थ्य, मानव जीवन एवं लोक शांति को खतरा उत्पन्न हो सकता है। जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं लोक शांति बनाये रखने की दृष्टि से दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत सख्त निषेधाज्ञा जारी की है।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सीकर ने दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सीकर जिले की सीमा क्षेत्र में कोविड के नए वैरियंट ओमिक्रोन की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर एवं जन सामान्य की सुविधा एवं आवश्यक सेवाओं एवं वस्तुओं की निरंतर उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए निम्न दिशा निर्देश जारी किये गये है।
आदेशानुसार जिले में किसी भी प्रकार के सार्वजनिक , सामाजिक , राजनैतिक, खेल-कुद संबंधित, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक धार्मिक एवं विवाह समारोह, सभा, रैली, धरना, प्रदर्शन जुलूस, मेलों के आयोजन में अधिकतम 250 व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी। आयोजन से पूर्व इसकी सूचना डीओआईटी द्वारा बनाये गये ऑनलाईन वेब पोर्टल या 181 पर देनी होगी। आयोजनों के आयोजनकर्ता इसकी पालना सुनिश्चित करेंगे। समारोह आयोजन के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जायेगी एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे डबल-डोज वैक्सीनेशन , नो मास्क नो एन्ट्री, स्क्रीनिंग एवं स्वच्छता एवं सेनेटाईजेशन का पालना सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि समस्त धार्मिक स्थलों को उनके समयानुसार श्रद्धालुओं, दर्शानार्थियों के दर्शन के लिए खोले जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। इस दौरान फूल-माला ,प्रसाद, चादर व अन्य पूजा सामग्री ले जाना अनुमत होगा।
सम्पूर्ण जिले में लगाये गये रात्रिकालीन कफ्र्यू (प्रतिदिन रात्रि 11 बजे से प्रातः 5 बजे तक) को समाप्त किया जाता है। यह आदेश 5 फरवरी से लागू होंगे।
इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188,269,270 एवं राजस्थान इपीडेमिक डीजीजे एक्ट 1957ए आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 एवं राजस्थान महामारी अधिनियम, 2020 के प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजित किया जा सकेगा।
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