फतहनगर। श्रमण संघीय उप प्रवर्तक कोमलमुनि म.सा. ने कहा कि क्रोध को त्यागे बिना सुख की प्राप्ति संभव नहीं है। उक्त विचार उन्होने आज ईंटाली में व्याख्यान के दौरान व्यक्त किए।
चातुर्मास के लिए फतहनगर से विहार कर वल्लभनगर जाते समय ग्रामीणों के अनुरोध पर रूके कोमल मुनि ने धर्मसभा के दौरान कहा कि सुख की चाहना सब प्राणियों को है पर सुख मिलता नहीं है। इसका मूल कारण कसाई वृत्ति का होना है। कसाय अर्थात क्रोध,मोह-माया। इसके रहते सुख नहीं मिल सकता। इस हेतु अभ्यास करना चाहिए कि क्रोध रूपी कसाई खत्म हो जाए। क्रोध रूपी आग को समाप्त करने के लिए हमारे पास आत्मबोध हैं जिसका अभ्यास करना चाहिए। इस अवसर पर कोमल मुनि के आशीष से श्रमण संघ की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया जिसमें अध्यक्ष पारसमल सिंघवी, कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल चौधरी,मंत्री भोपालसिंह बोरा जैन,खुशवंत बोहरा आदि को शामिल किया गया। समाजजनों ने कसंतों के सानिध्य में ही धर्मसभा के दौरान पदाधिकारियों का बहुमान किया। इस अवसर पर नाथूलाल खेरोदिया,शांतिलाल साबला रुडेड़ा, सीमा गडोलिया महिला मंडल अध्यक्ष वल्लभनगर सहित इंटाली के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे। कोमलमुनि बुधवार को रूडेड़ा के लिए विहार करेंगे।
फतहनगर - सनवाड