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ट्रोमा को लेकर विभाग की मनाही
फतहनगर(RAHUL CHAWADA)। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं विभागीय अधिकारियों की बेरूखी के चलते लाखों की लागत का नया भवन खण्डहर में तब्दील हो गया।
जी हां हम बात कर रहे हैं पालिका क्षेत्र के धुणी बावजी के समीप स्थित अस्पताल भवन की। करीब डेढ़ दशक पहले तत्कालीन विधायक शांतिलाल चपलोत के प्रयासों से धुणी बावजी के समीप पड़ी जमीन पर चहारदीवारी बनाकर अस्पताल भवन का निर्माण किया गया। इस दौरान यहां से अतिक्रमण भी हटा दिए गए। अस्पताल भवन के निर्माण कार्य का तत्कालीन चिकित्सा मंत्री नरपतसिंह राजवी ने शिलान्यास किया था। भामाशाहों ने भी कमरे बनवाने की घोषणाएं की थी। भाजपा शासन के दौरान भवन बनकर तैयार हो गया लेकिन किसी को भी इस भवन में अस्पताल शुरू करवाने की नहीं सूझी। नगरवासी इसमें ट्रोमा अथवा सेटेलाइट हॉस्पीटल प्रारंभ करने की मांग करते रहे और जनप्रतिनिधि अनसुना करते रहे। इसके बाद कई लोगों ने यह भी मांग की कि यदि ट्रोमा या सेटेलाइट न भी शुरू हो सके तो भी वर्तमान अस्पताल को यहां शुरू कर दिया जावे तथा नगर के बीच स्थित डिस्पेंसरी पर भी एक चिकित्सक रखा जावे ताकि छोटा-मोटा उपचार इस डिस्पेंसरी पर हो जाए। यदि ऐसा हो जाता तो आज यह भवन जिस स्थिति में है वो स्थिति नहीं होती।
भवन का निर्माण होने के बाद किसी ने इसकी सुध नहीं ली। ऐसे में भवन को असामाजिक तत्वों ने खूब नुकसान पहुंचाया। ताले तोड़ कर अन्दर रखा सामान एवं अस्पताल की सामग्री को नष्ट किया। कमरों में लगे पंखे भी गायब हैं तो दीवारें,खिड़कियां आदि क्षतिग्रस्त कर दी। बिजली की लाइनें तक ऐसे लोगों ने नहीं छोड़ी। अब यह स्थान शराबियों का अड्डा बन चुका है। यहां शराब की बोतलें पड़ी मिल जाएगी। लोग परिसर में शौच भी कर जाते हैं लेकिन देखने वाला कोई नहीं है।
इधर इस भवन में ट्रोमा सेंटर स्थापित करने को लेकर एडवोकेट दीपक कुमार बड़गुर्जर ने 17मई,2019 को मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा था जिसके जवाब में 10जून,2019 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अति.निदेशक ने पत्र भेज कर बड़गुर्जर को अवगत कराया कि आर.एन.टी.मेडिकल कॉलेज उदयपुर में ट्रोमा स्वीकृत एवं संचालित है। आर.एन.टी.मेडिकल कॉलेज उदयपुर से फतहनगर की दूरी 50 किलोमीटर है। ऐसे में नियमानुसार फतहनगर में ट्रोमा सेंटर दिया जाना संभव नहीं है।
इनका कहना है-
0. चिकित्सा के लिहाज से काफी बड़ा परिसर एवं भवन है। इसकी पुनः मरम्मत एवं रंगरोगान कर इसे शुरू किया जा सकता है। यदि इसे बड़े अस्पताल के रूप में भी लिया जाए तो भी जगह की कमी नहीं है। सेटेलाइट के लिए यह भवन उपयुक्त हो सकता है।
ललितदास वैष्णव,
पूर्व पार्षद धुणी क्षेत्र,वार्ड 10 फतहनगर।
0. इस भवन में ट्रोमा अथवा सेटेलाइट अस्पताल को लेकर कई बार प्रयास किए गए। इसकी पत्रावली भी चला रखी है। अब तो गेंद राज्य सरकार के पाले मे हैं। सरकार चाहे तो बड़ा अस्पताल प्रारंभ कर दे। पालिका भी पूरी मदद करेगी।
ज्ञानचंद पाटोदी
अध्यक्ष,नगरपालिका फतहनगर-सनवाड़