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फतहनगर। मावली तहसील के आमली से ईंटाली पहुंची गौ चेतना पदयात्रा का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत एवं अगवानी की। आमली से ईंटाली के बीच जगह-जगह इस पदयात्रा का स्वागत किया गया। पदयात्रा में गौ रथ भी चल रहा है जिसे गौ भक्त खींच कर ले जा रहे हैं। गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा जो मेवाड़ के हल्दीघाटी से 4 दिसंबर 2012 को प्रारंभ होकर 62500 किलोमीटर की यात्रा करते हुए 13500 गांव-ढाणियों से होकर राजस्थान के 27 जिलों से होकर यह पदयात्रा पर्यावरण को बचाने एवं गौ माता के प्रति आमजन को जागरूक करते हुए यहां तक पहुंची है। ईंटाली बस स्टेण्ड पर आयोजित धर्मसभा को संत आराधना गोपाल सरस्वती ने सम्बोधित किया तथा कहा कि गौ माता के वर्तमान हालात ठीक नहीं हैं। व्यक्ति गौ माता का दूध पीकर उसे दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ देते हैं। आजकल की नई पीढ़ी गौ माता की जगह घरों में कुत्ते को पालने एवं गाड़ियों में घूमने का शौक रखती है जबकि गाय को पालने से परहेज करते हैं। गाय का घी,दूध,गोबर,मूत्र उपयोगी हैं। गौ माता के ह्रदय में 33 कोटि देवी देवताओं का निवास होता है। उन्होने कहा कि जहां भी जाते हैं गौ चेतना जागृत कर देसी गाय पालने का आग्रह कर रहे हैं और इस अभियान के तहत आज तक 4000 गायों की व्यक्तियों द्वारा अपने यहां पर सेवा की जा रही है। उनके माध्यम से प्रेरित होकर गाय पालने लगे हैं। गौ माता की सेवा करें और पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाएं। बच्चों को सत्संग में ले जाने का भी ाअग्रह किया तथा कहा कि गाय और भैंस की प्रवृत्ति अलग-अलग होती हैं और जैसा अन्न खाया जाता है और जैसा दूध पिया जाता है वैसा ही आदमी की प्रवृत्ति और मन होता है। कार्यक्रम में इंटाली सरपंच अनु मेनारिया,उपसरपंच दिनेश नाथ, ओम प्रकाश सोनी, जमुना शंकर मेनारिया, सोहनलाल पुष्करणा, भैरूलाल सालवी, भगवती लाल मेनारिया, लक्ष्मीलाल पुष्करणा, प्रेमशंकर पुष्करणा, भंवरसिंह राणावत सहित कई ग्रामवासी एवं आसपास के महिला व पुरूष उपस्थित थे। ईंटाली से पदयात्रा रूण्डेडा के लिए प्रस्थान कर गई।