उदयपुर। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने कहा है कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और आम जनों को राहत देने के लिए सरकार ने अलग-अलग कानूनी प्रावधान कर रखे हैं ऐसे में समस्त संबंधित विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे इन प्रावधानों का उपयोग करते हुए लोगों को राहत दें।
कलक्टर मीणा गुरुवार को जिला पर्यावरण समिति की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिले में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता गतिविधियों की जानकारी ली वहीं पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और इसके उल्लंघन पर की गई कार्यवाही के बारे में पूछते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिर्फ शिकायतों पर ही कार्यवाही न करें अपितु अपने क्षेत्रीय भ्रमण में जहां कहीं भी प्रावधानों का उल्लंघन होता पाएं वे स्व-स्फूर्त कार्यवाही करें।
*बाघदड़ा में प्रदूषण पर संयुक्त समिति करेगी जांच:*
बैठक में उप वन संरक्षक (वन्यजीव) अजीत उंचोई ने बताया कि बाघदड़ा अभयारण्य में आसपास की औद्योगिक इकाइयों के कारण बहुत अधिक प्रदूषण फैल रहा है। उन्होंने बताया कि यहां केमिकल की गंध पसरती रहती है और जिस तालाब में मगरमच्छ रहते हैं वो भी प्रदूषण की गिरफ्त में है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केमिकल के दुष्प्रभाव से यहां की वनस्पति भी प्रभावित हो रही है। कलक्टर ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और निर्देश दिए कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल और उद्योग विभाग की संयुक्त समिति इसकी तत्काल जांच करें और नियमानुसार कार्यवाही करे।
*पशु पक्षी ज्ञापन नहीं देंगे:*
कलक्टर मीणा ने कहा कि हम तो इंसान है, प्रदूषण के कारण यदि कहीं कोई पीड़ा हो तो हम ज्ञापन देकर समाधान कर लेंगे परंतु पशु पक्षी ज्ञापन कहां देंगे। उन्होंने अधिकारियों को प्रदूषण के कारण होने वाली इन मूक पशु पक्षियों की वेदना को भी समझने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसे प्रकरण कहीं भी दिखाई दें तो तत्काल कार्यवाही करें।
*मार्बल स्लरी के प्रदूषण की भी हुई चर्चा:*
बैठक में कलक्टर ने मार्बल इकाइयों से निकलने वाली मार्बल स्लरी के निस्तारण के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उद्योग विभाग की महाप्रबंधक मंजू माली ने बताया कि जिलेभर की स्लरी के निस्तारण के लिए गोगुंदा में डंपिंग यार्ड बनाया गया है। कलक्टर ने एकमात्र डंपिंग यार्ड की स्थिति पर आश्चर्य जताया और निर्देश दिए कि आगामी 25 वर्षों की आवश्यकता को देखते हुए समस्त प्रशासनिक अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में जहां-जहां भी औद्योगिक अपशिष्टों के निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड की जरूरत हो, वहां डंपिंग यार्ड की भूमि आवंटन के प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
*हर जलाशय का सैंपल लेना चाहिए:*
जलाशयों में प्रदूषण की समस्या की चर्चा दौरान उप वन संरक्षक (वन्यजीव) अजीत उंचोई ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल को समस्त जलाशयों से हर माह सैंपल लेने जरूरी होते हैं जिससे पता चल सके कि उस जलाशय के पानी में आवश्यक तत्वों की कमी तो नहीं हो गई है। इस स्थिति पर कलक्टर मीणा ने संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और निर्देश दिए कि प्रावधानों की सख्ती से अनुपालना की जाए।
*इन विषयों पर भी दिए निर्देश:*
बैठक में कलक्टर मीणा ने जिले में वृक्षों की अवैध कटाई के प्रकरणों पर निगरानी रखने और कार्यवाही के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए। इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के लिए सिर्फ स्कूलों को दायित्व देने पर नाराजगी जताई और कहा कि कॉलेज, विश्वविद्यालय, अन्य संस्थान और गैर सरकारी संस्थाओं को भी यह दायित्व दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार कलक्टर ने जिले में वाहनों से प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की और इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर जानकारी ली। यूआईटी सचिव अरूण हसीजा ने शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 20 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की जगह चिह्नित करने की जानकारी दी। इस दौरान कलक्टर ने समस्त नगर निकायों को प्रतिमाह पॉलिथीन सीज़ करने के लिए अभियान चलाने, अवैध खनन के मामलों में तत्काल कार्यवाही करने, अवैध बजरी के खनन, झीलों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्यवाही करने, साईलेंस जोन नोटिफाइड करवाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में एसीएफ डी.के.तिवारी ने बैठक एजेंडा प्रस्तुत किया। इस दौरान यूआईटी सचिव अरुण हसीजा, अतिरिक्त कलक्टर (शहर) अशोक कुमार, गिर्वा एसडीएम सलोनी खेमका सहित समस्त संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।