फतहनगर। नानी बाई के मायरा के पहले दिन भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे पांडाल में बैठने की जगह नहीं थी। कथा वाचक जया किशोरी के आने से पहले ही पाण्डाल खचाखच भर गया। नानी बाई के मायरा को लेकर नगर में पूरे उत्साह की लहर दौड़ रही थी। सभी लोग बढ़-चढ़कर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आ रहे थे। सभी की पार्किंग व्यवस्था चाक-चैबंद रही। आने जाने वालों को दिक्कत कम हो उसके लिए बैरिकेड लगाकर यातायात को डायवर्ट किया गया। स्टेज पर ठाकुर जी खाटू श्याम की नयनाभिराम झांकी सजाई गई। साथ में बालाजी महाराज की भी झांकी लगाई गई। इसके साथ ही द्वारकाधीश की तस्वीर आदि पर माल्यार्पण कर आरती कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जय किशोरी ने अपने मुखारविंद से जब कीर्तन शुरू किया तो सभी लोग उठकर नाचने लगे और भाव विभोर होकर भजन गाने लगे। माई रे में……कीर्तन पर बड़ी तादाद में महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। इसके साथ छोटे बच्चे भी कहां पीछे रहने वाले थे। बच्चों ने भी नृत्य के साथ मायरा का आनंद लिया। मायरे में प्रत्येक वर्ग के लोगों ने शिरकत की। मायरे में व्यापारी वर्ग से लगाकर सभी ने आनंद लिया। मायरा शुरू होने पर जया किशोरी ने कई प्रसंगों के माध्यम से जनता में ज्ञानवृद्धि की। कई ऐसे उदाहरण दिए जिनसे लोगों को सीखने को मिला। वैसे देखा जाए तो नानी बाई का मायरा हजारों वर्षों से इसीलिए सुनाया जाता है,सिखाया जाता है ताकि आप अपने जीवन में उसको उतार सकें। पुरुष के अनुरूप व्यवहार कर सकें। नानी बाई का मायरा में आज नगर अंजार से कंकू पत्री मायरा में आने का न्योता नरसी जी को दिया गया और नरसी जी मायरे में ना आए उसके लिए मायरा लाने के लिए लंबी चैड़ी लिस्ट बनाकर के नरसिंह जी को देने का प्रसंग बड़े भाव पूर्ण तरीके से सुनाया। कर्मा बाई का खिचड़ा पर सभी लोग पांडाल में झूम कर भगवान की स्तुति करते हुए नाचने लगे। वही जया किशोरी ने सादा जीवन उच्च विचार पर प्रेरणादायी प्रस्तुती दी। आज की कथा के विराम पर कार्यक्रम आयोजकों द्वारा महा आरती की गयी। आज इस आयोजन के दौरान पालिका उपाध्यक्ष नीतिन सेठिया,व्यापार मण्डल अध्यक्ष कैलाशचन्द्र अग्रवाल,पालिका बोर्ड के कई सदस्य समेत प्रमुख लोग अतिथि दीर्घा में उपस्थित रहे। मायरे के दूसरे दिन बुधवार को दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक कथा होगी तत्पश्चात शाम 8 बजे भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
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