जयपुर। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश मे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना के अनुमोदन से गांवों में पर्यटन इकाईयों के जरिए नए रोजगार सृजित होंगे। साथ ही, हस्तशिल्प को प्रोत्साहन मिलेगा और राजस्थान की ग्रामीण परंपरा से पर्यटक रूबरू हो सकेंगे।
श्रीमती राठौड़ की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय में अधीनस्थ पर्यटन कार्यालयों के प्रभारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक महत्वपूर्ण सेक्टर है। वर्तमान में इस सेक्टर में विभिन्न गतिविधियां तीव्र गति से बढ़ रही है। ऎसे में अधिकारियों द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।
पर्यटन निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि प्रदेश के जिलों में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं है, उन्हें चिन्हित कर विकसित करने की योजना तैयार करें ताकि प्रदेश में नए पर्यटन सर्किट विकसित किये जा सकें। साथ ही सभी अधिकारी कार्य योजना बनाकर तय समय मे और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हुए, इन पर्यटन स्थलों को पूर्ण रुप से विकसित करें।
डॉ. शर्मा ने अधिकारियों को आगामी मेलों और उत्सवों को देखते हुए इसकी प्रभावी विस्तृत रूप रेखा तैयार करने एवं पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों एवं स्थानीय लोगों का सहयोग लेने के भी निर्देश दिये।
इस दौरान राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना, गेस्ट हाउस और होम स्टे योजना में प्रदत्त टारगेट और उपलब्धि, विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा, विभाग से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं, विभाग की लंबित योजनाओं की प्रगति, पर्यटन को उद्योग का दर्जा, गाइड प्रशिक्षिण कार्यक्रम, पर्यटन सांख्यिकी संकलन, त्योहारों की रिब्रांडिंग, वेबसाइट मोबइल एप और सोशल मीडिया के नियमित अपडेट पर चर्चा की गई।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक श्री मो. सलीम खान, श्री आनन्द कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (निवेश) श्री पवन कुमार जैन, संयुक्त निदेशक (विकास) श्री राजेश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक (विपणन) डॉ. पुनिता सिंह, सहित जिलों के प्रभारी अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
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