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– गौ कृपा कथा का कल प्रातः हाेगा समापन
फतेहनगर. नगर के मुदगल वाटिका में चल रही गौ कृपा कथा के पांचवे दिवस संत गोपालानंद सरस्वती (जगदीश गोपाल महाराज) ने कहा कि गाेमाता को कभी पहली रोटी नहीं जिमानी चाहिए, क्योंकि पहली रोटी शास्त्रोक्त भी सही नहीं होती है और ना ही सही बन पाती है। गाेमाता को स्वयं भोजन करने से पूर्व सबसे अच्छी रोटी पर घी और गुड़ लगाकर थाली में रखकर व्यवस्थित जिमानी चाहिए। संतश्री ने बताया कि यहां रोटी का सवाल नहीं है, बात श्रद्धा की और जो भगवान की भी भगवान है, उनके प्रति श्रद्धा होगी, तब ही जीवन में गौसेवा का फल मिल पाएगा। संतश्री ने बताया कि भगवान राम की अनुपस्थिति में भरत जी ने गौमूत्र में भीगे हुए जौ का सेवन कर के आयोध्या के शासन को संभाला था। गौमूत्र सेवन से बुद्धि सात्विक रहती है । महाराज जी ने विद्यार्थी जीवन मे गौमाता का महत्व बताते हुए बताया कि छात्र के जीवन मे धैर्य अतिआवश्यक है और गौ सेवा व गौ कृपा के बिना धैर्य की प्राप्ति नही हो सकती है । अग्निपुराण के अनुसार गायत्री मंत्र के साथ गौमाता के दूध से बनी खीर से आहुति देने से विद्यार्थी को श्रेष्ठ विद्या की प्राप्ति होती है।
कथा के दौरान संतश्री ने बताया कि कुवांरे बालकों को अच्छी कन्या की प्राप्ति के लिए प्रसव होती हुई गौमाता की सात परिक्रमा करनी चाहिए। प्रसवमुखी गाेमाता की परिक्रमा करने से पृथ्वी की सप्तद्वितिय परिक्रमा का फल मिलता है। ऐसा करने से नौजवानों को सुंदर, सुशील व संस्कारी पत्नी प्राप्त होती है। गाेमाता की कृपा से बेटियों को भी उत्तम वर की प्राप्ति होती है इसके संदर्भ में संतश्री ने बताया कि बेटियों को नौ सोमवार व्रत करना है, जिसमें प्रातः जल्दी उठकर गौमूत्र मिले हुए जल से स्नान करने के पश्चात आत्म शुध्दि के लिए एक गुट गौमूत्र, प्रातः नाश्ते में गौमाता के दूध की छाछ व रात को एक ग्लास गौमाता का दूध लेना है। यह व्रत नौ सोमवार करने पर दसवे सोमवार को उत्तम कुल से श्रेष्ठ रिश्ता बिटिया के लिए आ जाता है। इस अवसर पर आयोजन समिति के जितेंद्र गडोलिया, गोपाल सोनी, बलवंत परासर, रोशनलाल खटीक, मुकेश खटीक, श्रवण खटीक, रमेश तेली, कैलाश खंडेलवाल, कैलाश अग्रवाल, हुकुम सिंह, मनीष गोयल सहित के सेकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ये रहे कथा में यजमान
शंकर जाट ने बताया कि कथा के पांचवें दिन यजमान सुरेश चंद्र छिपा आकोला ने पूजन का लाभ लिया । इसी के साथ मदनलाल न्याति, गोवर्धन लाल माली, जमुनालाल, बालूराम शर्मा, बलवंत पाराशर, गोपाल सोनी, गोविंदलाल, सुखलाल, शांति बाई यादव ने कथा श्रवण कर आरती का लाभ लिया । अवतार सेन, दीपक पालीवाल, प्रदीप बंसल, नीतुराजसिंह सहित हज़ारों श्रद्धालु उपस्थित रहें ।