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भूपालसागर

बडगांव बाध की नहर 7 नवंबर को छोडी जाएगी

आकोला। बड़गांव बांध की नहर को छोड़ने को लेकर मंगलवार को बैठक आयोजित हुई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि बडगांव बाध की नहर 7 नवंबर को छोडी जाएगी। एक रेलनी सहित चार पिलाई का पानी छोडा जाएगा।
नहर की सफाई नही होने से किसानों में आक्रोश रहा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस विभाग भी रहे मौजूद।
नहरों में पानी छोड़ने के लिए बडगांव बांध पर क्षेत्र के जल वितरण कमेटी क्षेत्र के किसान, जनप्रतिनिधियों एवं जल संसाधन विभाग अधिशाषी अभिंयता राजकुमार शर्मा, सहायक अभियंता राजु सामरिया, कनिष्ठ अभियंता प्रहलाद जाट, वरिष्ठ सहायक शंकरलाल कच्छावा व किसानों की उपस्थिति मे मंगलवार को बैठक आयोजित की गई। हर वर्ष कि तरह इस वर्ष अच्छी बरसात हुई है। बडगांव बांध 25 फीट भरा है।
मंगलवार बैठक म़े आम सहमति से जल वितरण किस प्रकार किया जाना है, इस संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक मे सर्व सम्मति से 7 नवंबर को नहर खोलने का प्रस्ताव लिया गया। साथ ही आम सहमति से लिये गये निर्णय में रबी की पिलाई एक रेलणी जो 22 दिन तक चलेगी। बाईस दिन तक चलने वाली नहर रेलनी के पश्चात 15 दिन के अतंराल बाद दुसरी पिलाई हेतु 14 दिसम्बर 2022 तक खोली जाएगी जो 01जनवरी 2023 तक 18 दिनों के लिए चलाई जाएगी। दूसरी पिलाई हो जाने के 12 दिन के अंतराल तीसरी पिलाई के लिए 13 जनवरी को नहर पुनः खोली जाएगी जो 2 फरवरी तक 20 दिनों के लिए चलाई जाएगी। तीसरी पिलाई हो जाने के 10 दिन के अंतराल पर चौथी पिलाई के लिए 12 फरवरी को नहर पुनः खोली जाएगी जो 4 मार्च 2023 तक बीस दिन नहर चलेगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोई भी काश्तकार (किसान) पानी का दूरूपयोग नहीं करेंगे, नहर के पानी का दूरूपयोग करने पर आवश्यक कानूनी कार्यवाई की जाएगी। इस मौके पर बैठक में जिला परिषद सदस्य शभुलाल गाड़री, करजाली सरपंच राजेन्द्र गोठवाल, पूर्व सरपंच किशनलाल जाट, योगेंद्र गिरी गोस्वामी, कानडखेडा पूर्व सरपंच भगवान गाड़री, भगवान लाल सुथार, बड़गांव प.स.सदस्य भोमसिंह चुण्डावत, अशोक एस पोखरना, आकोला पूर्व उप सरपंच हीरा लाल तेली जीएसएस अध्यक्ष शोकत हुसैन मंसुरी सहित कई जनप्रतिनिधि एवं लगभग 45 गांवों के लोग उपस्थित थे। सफाई नही होने से बैठक मे किसानों में आक्रोश रहा। जल संसाधन विभाग अधिकारियों ने बताया कि सात दिनों में पूरी नहर की सफाई हो जाएगी। जेसीबी एवं नरेगा श्रमिकों द्वारा सफाई करवा दी जाएगी। वहीं जनप्रतिनिधियों एवं किसानों का कहना है कि सात दिनों मे सफाई नही हो पाएगी। किसानों का कहना है कि सफाई नही होगी तो औड़ा (कचरा) इक्कट्ठा हो कर नहर ओवरफ्लो होकर पानी बाहर निकलेगा और नहर फूटने का अंदेशा भी बना रहेगा। किसानों व जनप्रतिनिधियों ने जल्दी नहर सफाई की मांग रखी।

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