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उपमुख्यमंत्री ने किया जे.के.लोन अस्पताल का निरीक्षण
मृतक बच्चों के घर जाकर परिजनों से भी मिले
जयपुर,5 जनवरी। उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलेट ने शनिवार को जे.के.लोन चिकित्सालय का निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा। अस्पताल में भर्ती बच्चों की उपचार के दौरान विगत दिनों निधन होने पर उनके घरों पर जाकर परिजनों से मिले तथा उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं।
उप मुख्यमंत्री छत्रपुरा में 5 माह के शिशु तेजस के निधन पर उनके घर जाकर पिता संजय एवं माता पदमा तथा परिजनों से मिले तथा उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि दुख की इस घडी में सरकार उनके साथ है। उप मुख्यमंत्री से वार्ता करते हुए मृतक तेजस की माता पदमा ने कहा कि बच्चों को चिकित्सालयों में उपचार की सुविधाओं में वृद्धि हो तथा सार-संभाल में कमी नहीं रहे ताकि आकस्मिक मौत नहीं हो। उन्होंने आश्वस्त किया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों को समुचित उपचार की सुविधाएं मिल सके इसके लिए स्थायी प्रबंध किये जायेंगे। उप मुख्यमंत्री विज्ञान नगर में नवजात बालिका के निधन होने पर पिता शुभम हाडा के घर गये तथा उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने अस्पताल में भर्ती के दौरान अस्पताल प्रबंधन के द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने परिजनों से चर्चा कर अस्पताल में उपचार एवं कमियों के बारे में काफी देर तक रूककर बारिकी से जानकारी ली। इस दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
अस्पताल का निरीक्षण
उप मुख्यमंत्री ने जे.के.लोन अस्पताल पहुंचकर नीकू एवं पीकू वार्ड का निरीक्षण कर भर्ती शिशुओं के उपचार के बारे में जानकारी ली तथा परिजनों से चर्चा कर अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में जाना। उन्होने प्रत्येक बेड पर जाकर वार्मर एवं अन्य उपकरणों की सहायता से की जा रही इलाज की सुविधाओं को बारिकी से देखा। उन्होंने पिछले दिनों अस्पताल प्रबंधन द्वारा शुरू की गई सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई के कार्यों तथा नवीन प्रस्तावित नीकू वार्ड के बारे में भी जानकारी ली।
उप मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना, अधीक्षक डॉ. सुरेश दुलारा एवं शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृतलाल बैरवा से बच्चों की मृत्यु के कारण तथा संसाधनों की कमी के बारे में भी चर्चा की। जिला कलक्टर ओम कसेरा से उन्होंने राज्य सरकार बच्चों की मौत की जांच के लिए गठित जांच दल द्वारा दिये गये सुझाव एवं कारणों के बारे में भी चर्चा की।
सरकार संवेदनशील
उप मुख्यमंत्री ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि सरकार अस्पताल में भर्ती बच्चों की इलाज के दौरान मौत के प्रति गंभीर है। पूरी संवेदनशीलता के साथ इस प्रकरण पर निगरानी रखी जा रही है तथा किसी भी स्तर पर कमी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं हो ऎसे प्रयास किये जायेंगे।
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