फतहनगर ।
वैसे तो मेवाड़ की धन्य धरा पर बप्पा रावल, महाराणा उदय सिंह, महाराणा प्रताप , भिलू राणा पुंजा जैसे कई सूरमाओं एवम् रणबाकुरों ने जन्म लिया जिन्होंने ताक़त एवम् अपने अदम्य साहस से जालिम विदेशी ताकतों को मिट्टी में मिलाया लेकिन पिछले पांच छह दशकों से मेवाड़ निवासियों में देश प्रेम कम होने लगा है जिसका नतीजा मेवाड़ क्षेत्र के लोगो का सेना में भर्ती होना कम हो गया है ये इस सूरमाओं की धरती के लिए खेद की बात है
इसलिए कर्नल मोहन सिंह शेखावत मेवाड़ के गांव गांव ढाणी ढाणी शहर शहर गुम गुम कर लोगों को सेना में भर्ती होने के प्रेरित कर रहे हैं उनमें स्वाभिमान की भावना जगा रहे हैं इसी उद्देश्य को मध्य नज़र रखते हुए कर्नल शेखावत ने आज समिधा बाल ग्रह का ओचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कर्नल शेखावत ने बाल ग्रह के बच्चो की एक घंटे की मैराथन क्लास में फौज में भर्ती होने के लिए कौन सी परीक्षा पास करनी पड़ती हैं फौज की ट्रेनिंग कैसे होती है किन किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है तमाम मुद्दों पर कर्नल शेखावत ने बालको को तकरीबन एक घंटे तक प्रशिक्षण दिया इसी बीच कर्नल शेखावत ने बालको से उनका परिचय एवम् उनके जीवन का उद्देश्य जाना तो 40 प्रतिशत बालको में देश सेवा एवम् फौज में भर्ती होने का उत्साह देखने को मिला
बता दे कि मोहन सिंह शेखावत तृतीय जाट रेजीमेंट के कर्नल है जिन्होंने अपनी बदुंक की गोलियों से सैकड़ों आतंकवादियो को धराशाई किया
उनकी वीरता के सर्चे पूरे देश में है
इस मौके पर समिधा संस्थान के निदेशक चन्द्रगुप्तसिंह चौहान काउंसलर नरेश भार्गव , गृह माता रानी जाट मौजूद थे।