आमेट(मुबारिक अजनबी)। मायड़ थारो वो पूत कटे जैसी अनेक मशहूर मेवाड़ी,राजस्थानी एवं हिंदी की रचनाएं लिखने वाले ख्यातनाम कवि माधव दरक के देवलोक गमन होने पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कवि माधव दरक के देवलोक गमन के साथ ही मेवाड़ ही नहीं अपितु पूरे भारत से एक साहित्यकार की कमी हुई तथा इस कमी की भरपाई कोई नहीं कर पाएगा। कवि दरक ने मेवाड़ के महाराणा प्रताप,कुंभा एवं अनेक वीर सपूतों एवं शहीदों के नाम पर कविताएं लिखी एवं देश के ख्याति प्राप्त साहित्यकारों में अपनी अनूठी छाप छोड़ी। दरक के द्वारा मेवाड़ी भाषा में लिखी गई उनकी अनेक कविताओं में से महाराणा प्रताप की जो कविता उन्होंने लिखी उनसे उनके लेखनी की प्रमुखता दिखलाई देती है। ऐसे महान कवि को मैं हृदय की गहराई से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं तथा भगवान श्री जय सिंह श्याम जी से प्रार्थना करता हूं कि उनको अपने चरणों में स्थान दे।
Home>>देश प्रदेश>>मेवाड़ ही नहीं पूरा देश जिनके साहित्य का लौहा मानता था, ऐसे कवि थे दरक – विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़
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