मावली। बुधवार को स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में दिवेर विजय दिवस का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य श्रीमती भारती चैहान ने महाराणा प्रताप की ताम्र प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम को विधिवत प्रारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. पीनल जैन ने महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष को रेखांकित किया। डॉ. जैन ने महाराणा प्रताप के जीवन से संबंधित पाथल और पीथल कविता का वचन कर महाराणा प्रताप के संघर्ष को व्याख्यायित किया। उसके बाद उन्होंने हल्दीघाटी संघर्ष के बारे में बच्चों को परिचित कराया तथा दिवेर युद्ध के बारे में विस्तार से परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप को हम एक कम साहसी योद्धा के रूप में वर्णित पाते हैं, जबकि महाराणा प्रताप स्वतंत्रता के संघर्ष में न केवल सबसे बड़े योद्धा थे बल्कि सबसे बड़े विजेता भी थे। उन्होंने स्थापित किया कि महाराणा प्रताप यदि पराजित योद्धा होते, जैसा कि कई इतिहासकार लिखते हैं तो अकबर की सेना को लंबे समय तक यहां पड़ाव डालकर नहीं रहना पड़ता और महाराणा प्रताप स्वतंत्रता से अपना सिर ऊंचा किए हुए मेवाड़ की धरती पर विचरण नहीं कर पाते। विषय-प्रवर्तन राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य नवीन कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी के सहायक आचार्य डॉ महेश चंद्र तिवारी ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया।