उदयपुर। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण विगत 2 वर्षों से राजस्थान आदिवासी महासभा द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला होली स्नेह मिलन समारोह नहीं किया जा सका था। अब जबकि कोविड-19 के केसों में भारी गिरावट व सरकार द्वारा कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार आदिवासी महासभा द्वारा होली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया ।
इस समारोह के मुख्य अतिथि सीडब्ल्यूसी मेंबर एवं पूर्व मंत्री श्री रघुवीर मीणा, विशिष्ट अतिथि विवेक कटारा-एआईसीसी मेंबर, श्री भगवतीलाल रोत, पूर्व जिला प्रमुख जिला डूंगरपुर, श्री गंगा राम मीणा, प्रधान जयसमंद, मौजूद रहे ।
इस अवसर पर श्री रघुवीर मीणा द्वारा आदिवासी समाज के अधिकारी, कर्मचारी समाजसेवी व सदस्यों से कहा कि ऐसे कार्यक्रम के आयोजन सेसमाज एकता स्थापित होती है एवं आज के समय जो समाज एकजुट है वे विकास की धारा के साथ चल रहे है श्री मीणा ने बताया कि उदयपुर के महाराणा द्वारा उदयपुर शहर में आदिवासियों को दी गई 25 बीघा जमीन में से अब केवल 13 बीघा जमीन बची है बाकी पर अतिई˜मण या कब्जा किया जा चुका है इसीलिए समाज को जागरूक होकर इस 13 बीघा जमीन पर समाज के युवाओं के लिए हॉस्टल कोचिंग जैसी सुविधाओं को विकसित किये जाने की परम आवश्यकता है एवं राजस्थान आदिवासी महासभा भवन को विस्तारित करने की समाज से आह्वान किया ताकि आने वाले समय में भवन को आदिवासी समाज के लिए बहुउपयोगी बनाया जा सके।
इस अवसर पर श्री विवेक कटारा ने कहा कि हमें अपनी पुरखाई संस्कृति को नहीं भूलना है क्योंकि इसी संस्कृति के दम पर हम आज यहां हैं इसीलिए नौकरी लग जाने, या शहर में आ जाने से हमें हमारी संस्कृति को नहीं छोड़ना है उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति ही एकमात्र ऐसी संस्कृति है जिसे सहेजने के लिए कभी भी धनभार नहीं पड़ा क्योंकि आदिवासी हमेशा से ही अपनी आवश्यकता प्राकृतिक संसाधनों से पूरा करता रहा है रहा है।
इस अवसर पर श्री भगवती लाल रोत, पूर्व जिला प्रमुख डूंगरपुर ने मंच से आदिवासी संस्कृति को अगली पीढ़ी में संवर्दि्धत करने का आह्वान किया एवं साथ ही वागड़ी में आदिवासी होली लोकगीत सुनकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
महासभा ने की राज्य सेवा में टीएसपी के जनजातियों के लिए पृथक आरक्षण की मांग
राजस्थान आदिवासी महासभा के अध्यक्ष समरथ लाल परमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान आदिवासी महासभा को खड़ा करने में समाज के जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका रही है जिसके लिए आदिवासी महासभा एवं आदिवासी समाज जनप्रतिनिधियों का शुक्रगुजार रहेगा साथ ही उन्होंने मंच से राज्य सेवा में टीएसपी के जनजातियों के लिए पृथक आरक्षण की मांग को कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा एकबार पुनः पुरजोर तरीके से सरकार तक पहुंचना का आग्रह किया एवं महासभा की ओर से पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया।
इस अवसर पर राजस्थान आदिवासी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सोमेश्वर मीणा अपने स्वागत उद्बोधन में महासभा की ओर से पधारें हुए समस्त समाज के जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया गया एवं राजस्थान आदिवासी महासभा की गतिविधियों आने वाले समय में पुनः बढ़ते हुए संभाग, ब्लॉक, ग्राम स्तर तक पहुंचने व नवीन युवा सदस्यों को जोड़ने की बात रखी।
मंच का संचालन महासभा के महासचिव श्री चम्पा लाल परमार व श्री बनवारीलाल बुम्बरिया द्वारा किया गया।
सांस्कृति कार्यक्रम में कनिष्का मीणा, ध्रुवी कलासुआ, तनिष्का मीणा द्वारा शानदार सांस्कृति कार्यक्रम दिए गए ।
ढोल व कुड़ी के थाप पर नाचे जनई§तिनिधि व महासभा सदस्य
सांस्कृति कार्यक्रम के पश्चात आदिवासी गैर नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें श्रीमान रघुवीर जी मीणा, श्री विवेक कटारा , श्री भगवती लाल रोत, श्री लाल शंकर डामोर, डॉ. शंकर बामनिया ने ढ़ोल व कुडी पर आदिवासी लोक संस्कृति की ध्वनि से होली स्नेह मिलन समारोह में चार चांद लगा दिए इस तरह अपने जनप्रतिनिधियों को ढोल व कुड़ी सुर छेड़ता देख राजस्थान आदिवासी के महासभा के पदाधिकारी , सदस्य एवं उनके परिवारजन भी अपने आपको आदिवासी गेर नृत्य करने से नहीं रोक पाए ।
राजस्थान आदिवासी महासभा के होली स्नेह मिलन समारोह को सफल बनाने में चम्पा लाल परमार,राकेश हिरात, नारायण डामोर, संदीप डामोर, बनवारी लाल बुम्बरिया, शोभित पांडोर, राकेश कलासुआ, दिनेश मीणा , भीम सिंह मीणा, रमेश अहारी, लोकेश अहारी, रोशन भगोरा व अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा ।