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फतहनगर - सनवाड

रामलीलाः सूर्पण खां का नाक कान काटा, सीता हरण का किया मंचन

फतहनगर। धर्म प्रचारक रामलीला मंडल के संचालक पंडित अशोक उपाध्याय ने बताया कि आज की रामलीला माताओं-बहनों के लिए प्रेरणादायक है। सुरपन खां शादी का प्रस्ताव लेकर स्वयं भगवान राम के पास जाती है और कहती है कि आप बहुत अच्छे हैं। मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। भगवान राम कहते हैं कि हम कुंवारे नहीं विवाहित हैं। बस एक नार व्रत रखते हैं। अपनी को छोड़ अन्य सबको माता या बहन समझते हैं। फिर सुर्पनखां लक्ष्मण के पास जाती है। लक्ष्मण उसका नाक कान काट देते हैं। फिर रोते बिलखते खरदूषण के पास जाती है। भगवान राम के द्वारा खरदूषण का वध किया जाता है। फिर सूर्पनखां रावण के पास पहुंचती है। रावण से कहती है भैया मैं पंचवटी में बैठी थी। दो राजकुमार आए तथा हमारा नाक कान काट दिए। वह कहती है कि आप इतने प्रतापी है।ं आपकी बहन का कोई नाक कान काट गया। अब आप उससे बदला लीजिए। रावण माता सीता का हरण करता है। कालनेमि से मिलकर कालनेमि रूप बदलता है। लक्ष्मण द्वारा खींची गयी रेखा को माता सीता लांघ जाती है तथा मायावी रावण सीता को हरण कर ले जाता है। इसका पूरा सार यही है कि आज के समय में भी महिलाओं को अपनी मर्यादा रूपी रेखा में रहना चाहिए। आज भी मायावी रूपी रावण घूम रहे हैं और उनका हरण हो रहा है। ऐसा आयोजन हमारे लिए बहुत ही प्रेरणादायक है। आज भी समाज में बच्चियां अपनी शादी का प्रस्ताव लेकर स्वयं जा रही हैं। जैसे सुरपनखां गई थी। ऐसे आयोजनों से हमें बहुत बड़ी सीख मिलती है। आज के समय में ऐसा आयोजन विलुप्त हो गया है जिसे जीवित रखने का बहुत बड़ा प्रयास भारत का प्रसिद्ध धर्म प्रचारक रामलीला मंडल कर रहा है। इसी क्रम में पहली बार फतहनगर में ऐतिहासिक भव्य रामलीला महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर घनश्याम मंगल आशीष मोर, भगवानलाल माली और नगर के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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