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फतहनगर - सनवाड

लदानी में रविवार को गवरी का गड़ावण तो सोमवार को हुआ वलावण, आयोजन में गवरी कलाकारों के रिश्तेदारों एवं ग्रामीणों का रहा जमावड़ा

फतहनगर(शंकरलाल चावड़ा)। निकटवर्ती लदानी में रविवार को गवरी नृत्य का गड़ावण एवं सोमवार को वलावण धूमधाम से संपन्न हुआ।
रविवार को रात में कालु कीर, कानजी गुजरी, राजा रानी, भोपा-भोपी,हट्टीया दानव, मीणा-बंजारा, खेतुड़ी आदि खेलों का मंचन किया। रविवार दिन में गवरी नृत्य कलाकारों में लदानी ग्राम पंचायत के साथ ही आमली के नानालाल, बंशीलाल, सुरेश, लालूराम, नवलराम,भावली से नाथूराम, ओगणा के खेड़ा से रामलाल, लदानी के पप्पूलाल, रोशनलाल, मेघराज, जोधराज, लोकेश, तुलसीराम, किशन, प्रभुलाल, लालूराम, खेमराज, नरेंद्र, प्रकाश, गणेशलाल, हिरालाल, ललित, नाथूराम ने विभिन्न प्रकार के खेलों में कलाकारों की भूमिका अदा की। राईमाता का किरदार शंकरलाल व रोशनलाल ने निभाया। राईबुढ़िया रमेश ने भी अपना किरदार जिम्मेदारी के साथ निभाया। माताजी के भोपा बाबुलाल,गौरज्या माता के भोपा रामलाल, चतुरभुज, गंगा राम,वरजु कांजरी किशनलाल व पप्पू,एवं ललित ने अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन किया। राजा का किरदार पप्पूलाल, रानी का मेघराज व खेमराज ने तो मीणा का रोशनलाल, जोधराज, नरेंद्र, महावीर ने,बंजारा का नानालाल,नवल राम, मांगी लाल ने,बंजारी का बंशीलाल, मेघराज ने हट्टिया दानव का महावीर, लालूराम ने किरदार अदा किया। गुजरों की बासनी, टेरिया, फतहनगर, राजपुरा, मोरजाई, आकोदड़ा, तारावट, खेमपुर, माल का खेड़ा, खाती खेड़ा, उलपुरा मंगरा, फुलपुरा, रूपावली, सथाना, धनेरिया धोला का,भोपाल सागर, घोसुंडा, लदानी, फतहनगर, रेड़िया खेड़ी, प्रताप नगर उदयपुर, ढ़ाणा, भाण्डावास आदि गावों में लदानी की गवरी नृत्य का सवा महिने में आयोजन किया गया। 20 अगस्त से गवरी नृत्य प्रारंभ होकर 30 सितम्बर सोमवार को वलावण के साथ ही गवरी नृत्य का समापन किया गया। गवरी वलावण में आज दर्शकों की भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर गौरज्या माता की शोभायात्रा का आयोजन किया गया। गवरी वलावण पर मान्यता के अनुसार गवरी कलाकारों के सगे सम्बन्धी, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों द्वारा अपने घरों पर मिटटी के बर्तन में बोई ज्वारों को आयोजन स्थल पर लाया गया और उसमें से कुछ ज्वारे गोरज्या माता को भेंट कर गवरी कलाकारों को दि गए। इसके बाद कलाकारों के रिश्तेदारों द्वारा कलाकारों का स्वागत सम्मान एवं कपड़ों की पेरावणी की रस्म अदायगी की गयी। गोरज्या माता की पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली गयी जिसमे समस्त ग्रामवासी शामिल हुए। इसके अलावा गवरी कलाकारों ने भी नाचते गाते हुए भाग लिया। शोभायात्रा शाम को सरोवर पहुंची जहां पर गोरज्या माता की विधिवत पूजा अर्चना व आरती की गयी। इसके बाद ज्वारों एवं गोरज्या माता प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

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