फतहनगर। लवीना विकास सेवा संस्थान द्वारा संचालित ओपन शेल्टर होम, ओगना को प्रारंभ से अनुदान राशि नहीं मिलने का मामला विधानसभा में उठा। झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी द्वारा 32 निराश्रित बालको के भोजन का अधिकार की मांग की गई। पूर्व गृहमन्त्री गुलाब चन्द कटारिया द्वारा भी सदन में बताया कि इस संस्थान के होम की बजट प्रक्रिया साढ़े तीन साल से लंबित क्यों है,मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रख बजट प्रक्रिया की जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी द्वारा सात दिवस में फाइल ट्रेस कर निराश्रित बालको को राहत दिलाने का प्रस्ताव लिया गया। सदन में जनजाति मन्त्री द्वारा बताया गया कि राशि सीधी दिल्ली से संस्थाओं के खाते में जाती है,जो गुमराह करने जैसा है। जबकि संस्थाओं को अनुदान राज्य सरकार ही स्वीकृत करती है। राज्य सरकार द्वारा जिन संस्थान के होम की सकारात्मक अनुशंषा भेजी जाती है उसको महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सिर्फ मंजूरी देता है। राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा समय पर बजट प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भिजवाए जाने से निराश्रित बालको के निवाले पर संकट के हालात बने हुए है।