फतहनगर। नगर में बागला परिवार द्वारा श्री द्वारिकाधीश मंदिर भूमि पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन बुधवार को कथा मर्मज्ञ ओजस्वी सन्त परम् पूज्य श्री दिग्विजयरामजी महाराज द्वारा कथा की भव्य संगीत एवं झांकीमय प्रस्तुतियां दी गयी। आज बालकृष्ण दर्शनों के लिए शिवलीला, पूतना उद्धार, सकटासुर वध, कृष्ण बलराम नामकरण, माखनचोरी लीला, यमलार्जुन उद्धार, बकासुर वध, धेनुकासुर वध, कालियानाग मर्दन, चीरहरण, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग की भावपूर्ण एवं झाँकीमय प्रस्तुति दी गई। उन्होने आगे कहा कि बसन्त पंचमी मां सरस्वती की अनुकम्पा का दिन है। श्रीकृष्ण ही परब्रह्म है। महात्मा और परमात्मा शरणागत लिये को कभी भी छोड़ते नहीं है। प्राणी केवल मानव जीवन में ही आस्था, भजन, सत्संग, परोपकार आदि कर सकते हैं। परमात्मा प्रेम के अधीन है। धर्मानुसार संतो के दर्शन मात्र से समस्त पापों का नाश हो जाता है। वसुदेवकुटुम्ब के लिए सनातन धर्म सम्पूर्ण विश्व समुदाय के लिए एक समान है। आज आयोजन में तखतगढ़ धाम से कबीर सम्प्रदाय के सन्त अभयराम महाराज, सागवाड़ा से संत श्री उदयराम महाराज, बांसवाड़ा से संत श्री रामप्रसाद महाराज का पदार्पण हुआ। श्री अभयराम महाराज ने आशीर्वचनों के साथ किये भक्तिमति मां शबरी, मीराँबाई, रसखान एवं सूरदास जी की अनन्य भक्ति के करुणामय प्रसंगों में सभी को भाव विभोर करते हुए कहा कि सनातन धर्म में प्रभु के भिन्न भिन्न स्वरूपों के भक्ति की परम्पराएँ शाश्वत सत्य थी, आज भी है और सदैव रहेगी। शाम 07.30 बजे से जय सियाराम सुंदरकांड परिवार, अयोध्या के सानिध्य में विराट सामुहिक सुंदरकांड, हनुमान चालीसा पाठ एवं महाआरती का आयोजन किया गया। कथा के विश्राम के बाद महाआरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया।
फतहनगर - सनवाड