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फतहनगर - सनवाड

श्रीमद् भागवत कथाः प्रभु ही प्राणी मात्र के सृजन,पालक एवं मोक्षदाता हैं

फतहनगर। यहां की श्रीकृष्ण महावीर गौ शाला में मंगलवार को कलश यात्रा के बाद पहले दिन की कथा का कार्यक्रम शुरू हुआ।
प्रथम दिन भागवत पुराण महात्म्य बताते हुए कथावाचक कृष्णकिंकरजी महाराज ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति गुरु बिना सम्भव नहीं है। सभी कथाएँ नेमिसारण्य से ही प्रकट हुई है। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भागवत का मूलमंत्र है। कथा भोजन है तो कीर्तन तुलसीदल है। अतः कीर्तन जरूरी है। प्रभु इच्छा से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष विचरण कर रहे असंख्य जीवों के कल्याणार्थ ही कथा हो रही है। जो श्रीकृष्ण ने गाया वह गीता है और जो कहा वह भागवत है। कथा श्रवण से देह पवित्र होकर जन्म मरण के बंधन से मुक्त होती हुई श्रीकृष्ण में समाहित हो जाती है।
प्रभु ही प्राणी मात्र के सृजन, पालन एवं मोक्ष दाता है। आज की कथा के विश्राम के बाद आरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया। यहां 23 मई तक रोजाना सुबह 10.15 बजे से दोपहर बाद सवा तीन बजे तक कथा होगी। संगीतमयी कथा श्रवण के लिए सभी भक्तों से आयोजक ओंकारदास वैष्णव एवं परिवारजनों द्वारा अधिक से अधिक संख्या में पधारने का निवेदन किया गया है।

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