फतहनगर। श्री कृष्ण महावीर गौशाला परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया।
अंतिम दिन आयोजन में कथा मर्मज्ञ कृष्णकिंकर जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा की संगीतमय प्रस्तुति देते हुए प्रधुम्न जन्म, समरासुर वध, सामंतक मणि प्रसंग, सत्यभामा से विवाह, जामवंति से विवाह, भौमासुर वध करके 16100 विवाह, शिशुपाल वध, सुदामा चरित्र की भावपूर्ण प्रस्तुति के बाद श्रीकृष्ण के साकेत प्रस्थान का मार्मिक वाचन किया गया।
उन्होने कहा कि राम नाम कल्प वृक्ष के समान फलदायी है। हर घर में साधना, संतसेवा एवं गौसेवा के साथ सनातन धर्म का पालन करना चाहिए। प्रभु को छल कपट से नहीं केवल निर्मल मन से प्राप्त कर सकते हैं। चल अचल हर वस्तु में श्रीकृष्ण ही है। कथा विराम के बाद आरती एवं महाप्रसादी का कार्यक्रम किया गया।
फतहनगर - सनवाड