नई दिल्ली । चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने सोमवार को लोकसभा में शुन्य काल के दौरान लोक महत्व के विषयों पर सदन की कार्यवाही में भाग लेते हुये विगत दिनों में हुयी असामायिक बारिश के कारण किसानों की फसल के खराब होने का विषय सदन में रखा।
सांसद जोशी ने सदन का ध्यान चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र समेत आप पास के क्षेत्र में विगत दिनों में हुयी में असामयिक बारिश और ओलावृष्टि से फसलों की हुई क्षति की ओर आकृष्ट करवाया। विगत दिनों हुई अचानक भारी बारिश और ओलावृष्टि से संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ के चित्तौड़गढ़, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों के किसानों की रबी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है । अचानक हुई बारिश से किसानों की गेंहू, चना, सरसों, इसबगोल, अफीम आदि की फसलों नष्ट हो गई हैं। तेज हवा चलने से गीली हुई फसलें आड़ी पड़ गई है।
अफीम की फसल में ओलावृष्टि से डोडे टूटने, फटनें व दूध धुलने की समस्या किसानों को हुई। बारिश के बाद संसदीय क्षेत्र के अनेकों किसानों के खेतों में जाकर स्वयं सांसद जोशी ने निरीक्षण किया और यह पाया कि खेतों में तैयार फसलों को भारी क्षति पहुंची है। इसके लिये तुरन्त ही स्थानिय प्रशासन को इसके खराबे के आंकलन के लिये अवगत करवा दिया था।
इस असामयिक व अचानक हुयी बारीश व औलावृष्टि से हुये फसलों के नुकसान से सभी किसान परेशान हैं और सरकार से मदद की अपेक्षा रखते हैं ।
सांसद जोशी ने सरकार से आग्रह किया कि बेमौसम हुई बारिश के कारण हुए नुकसान के आंकलन के लिए फसलों की गिरदावरी उचित समय व उचित आंकलन के साथ हो । इसके साथ ही नुकसान के कारण प्रभावित हुए किसानों को नुकसान का मुआवजा समय पर मिले।
इसके साथ ही किसानों की तैयार फसल जो कि खलिहानों तथा मंडियों में बिक्री के लिए गई थी वो भी बारिश के कारण खुले में रहने से ख़राब हो गई है।
इसके साथ ही सांसद जोशी ने क्षेत्र के अफीम किसानों को होने वाली समस्याओं के प्रति भी सदन का ध्यानाकर्षण करवाया वर्तमान में अनेकों किसानों को सी.पी.एस. पद्धति के कारण भी अफीम के लाईसेंस मिले हैं, ऐसे किसानों की फसलें अभी तक खेत में खड़ी हैं जबकी उनके साथ वाली अन्य फसलें कट चुकी हैं, इस कारण से उस फसल की सुरक्षा करना व मौसम की मार से उसे बचा पाना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।
इसके साथ ही अफीम की फसल के बाद शेष रहे डोडा चूरा के लिये भी कई निर्दोष किसान विभागीय धारा 8/29 के कारण उसमें फसं जाते हैं, इसलिये इस धारा को भी समाप्त किया जाये। अफीम तौल केन्द्र पर ही अफीम की मशीनों के द्वारा किसानों की अफीम की फसल का तौल व अन्य जांचे तौल केन्द्र पर ही कि जाये जिससे किसी प्रकार की अनियमितता का अंदेशा नही रहे, इस प्रकार की मांग सरकार से की।