उदयपुर ।
प्रदेश में आमजन को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु संचालित मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आज स्वास्थ्य भवन बड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश खराड़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रागिनी अग्रवाल, डीपीसी चिरंजीवी शरद पाटीदार एवं योजना से सम्बद्ध निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में योजना से जुड़े अस्पतालों द्वारा चिन्हित बीमारियो पर दिए जा रहे लाभ, योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओ, चिरंजीवी मित्र की भूमिका इत्यादि पहलुओं पर चर्चा की गई।
डॉ खराड़ी ने कहा कि हर अस्पताल की मंशा ये होनी चाहिये कि अस्पताल में आये मरीज को कैसे चिरंजीवी योजना का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने अस्पताल प्रतिनिधियों को सख्त लहजे में निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी अस्पताल द्वारा यदि पैकेज उपलब्ध होते हुए भी मरीज को योजना का लाभ नही दिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने साफ साफ कहा कि योजना में भर्ती मरीजो का सम्पूर्ण उपचार मुफ्त है। कुछ अस्पतालो द्वारा दवाइयों अथवा जाँचो के नाम पर मरीज से पैसे लिए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है जो अनुचित है। ऐसे अस्पतालो का औचक निरीक्षण कर जाँच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीजो को योजना में निशुल्क दवा के लिए इधर उधर नही भटकना पड़े इसके लिए हर फ्लोर पर फार्मेसी स्थापित की जाए।
अस्पताल प्रतिनिधियों द्वारा योजना के कई पैकेज जैसे सीटी एमआरआई, कीमो थेरेपी इत्यादि के पैकेज बुक करने में आ रही तकनीकी समस्याओं के बारे में अवगत कराया जिस पर सीएमएचओ ने कहा कि तकनीकी या अन्य किन्ही समस्याओ की वजह से मरीज को योजना का लाभ देने में दिक्कत आ रही हो तो इस बारे में लिखित में अवगत कराएं। उन्होंने अस्पताल प्रतिनिधियों को आस्वस्त किया कि जल्द से जल्द राज्य स्तर पर संवाद कर समस्याओ को दूर किया जाएगा।
बैठक में अस्पतालो द्वारा भर्ती मरीजो के अनुपात में योजना के अन्तर्गत शामिल किये गए मरीजो की संख्या कम होने पर डॉ खराड़ी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि कई अस्पताल योजना में लाभ देने से बचने के लिए जानबूझकर भर्ती मरीजो की संख्या कम दर्शा रहे है पर उन्हें सनद रहे कि भर्ती मरीजो की संख्या के आधार पर ही सरकार द्वारा मेडिकल एवं नर्सिंग छात्रों की सीटों का आवंटन किया जाता है। अतः इस तरह की अनुचित प्रक्रिया अपनाने वाले अस्पतालो के विरुद्ध क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्यवाही करने के साथ साथ मेडिकल एवं नर्सिंग कौंसिल को भी अवगत करा कार्यवाही करने हेतु कहा जायेगा।
उन्होंने सभी अस्पताल प्रतिनिधियों को दैनिक रूप से भर्ती मरीजो की संख्या एवं उनमे से चिरंजीवी योजना का लाभ दिए गए मरीजो की संख्या से प्रतिदिन सीएमएचओ कार्यालय को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया।
*चिरंजीवी मित्र करे योजना का लाभ दिलाने में मदद*
बैठक के दौरान सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने चिरंजीवी मित्रों को निर्देशित करते हुए कहा कि चिरंजीवी मित्र सरकार द्वारा अस्पतालो में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को भर्ती के समय अस्पताल में उपलब्ध योजना के पैकेज के तहत भर्ती करवाने में मदद करने हेतु लगाए गए है। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित अस्पताल में पैकेज उपलब्ध नहीं है तो चिरंजीवी मित्र की ये जिम्मेदारी है कि वो मरीज को योजना से जुड़े दूसरे अस्पताल में 108 एम्बुलेंस के माध्यम से रेफर करवा निशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने में मदद करे। डॉक्टर खराड़ी ने कहा कि यदि किसी अस्पताल द्वारा चिरंजीवी मित्र को सहयोग नही किया जाता है तो डीपीसी को इस बारे में अवगत कराएं ऐसे अस्पताल के विरुध्द सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल चिरंजीवी मित्र हेल्प डेस्क की व्यवस्था आईपीडी काउंटर के पास ही करें ताकि भर्ती के समय पात्र मरीजो को योजना से जोड़ने की कार्यवाही की जा सके।
डॉक्टर खराड़ी ने चिरंजीवी मित्रों को निर्देशित किया की वो नियमित रूप से अस्पताल के वार्ड, आईसीयू इत्यादि में दौरा कर भर्ती मरीजों की मॉनिटरिंग करे एवं चिरंजीवी योजना से मिले लाभ के बारे में जानकारी ले।
*अब 10 लाख रूपये तक का बीमा कवर मिलेगा*
डॉक्टर खराड़ी ने बताया कि नई बजट घोषणा के अनुसार मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमा कवर राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष कर दिया गया है।
बीमा कवर राशि बढ़ने से अब कोकलियर इंप्लांट्स, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज भी योजना के दायरे में आने से लोगों को मुफ्त उपलब्ध हो सकेंगे।