उदयपुर। समग्र शिक्षा उदयपुर के तत्वावधान में आज होनहार राजस्थान कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में जिले के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक एवं माध्यमिक (मुख्यालय) सीबीईओ, एडीईओ ,एसीबीईओ,पीईईओ, यूसीईईओ एवं संदर्भ व्यक्तियों ने भाग लिया।
प्रभारी एपीसी गगन चैबीसा के अनुसार राज्य में निम्न कक्षा स्तर के शत प्रतिशत विद्यार्थियों का कक्षा स्तर तक उन्नयन प्राप्त करने के उद्देश्य से तैयार इस कार्यक्रम के उदयपुर जिले में क्रियान्वयन हेतु वेबिनार में विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई।
वेबिनार में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पुष्पेन्द्र शर्मा ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से होनहार राजस्थान कार्यक्रम के तहत सबसे पहले नजरिया बदलने पर जोर दिया जिसमें रटन प्रवृति पर रोक, सब विद्यार्थियों तक शिक्षक की एप्रोच,आंकड़ो का सिर्फ संग्रहण ही नहीं वरन विश्लेषण, बैक टू स्कूल प्रोग्राम, शिक्षक क्षमता संवर्धन हेतु प्रशिक्षण,नियमित पर्यवेक्षण हेतु स्कूल विजिट ,ऑनलाइन व ऑफलाइन डिजिटल लर्निंग आदि की जानकारी दी।
इस मौके पर डाइट उदयपुर की वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती नीलिमा शर्मा द्वारा क्वालिटी एजुकेशन के संदर्भ में नेशनल अचीवमेंट सर्वे के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आगामी सर्वे में उदयपुर जिले को राज्य में प्रथम पांच जिलों में स्थान प्राप्त करने के लिए बेहतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम अधिकारी संदीप आमेटा ने गत शिक्षा सत्र में जिले में संचालित स्माइल कार्यक्रम की उपलब्धि एवं क्रियान्विति पर प्रकाश डाला वही एसीबीईओ भीमराज मीणा ने कुराबड़ ब्लॉक में स्माइल कार्यक्रम के क्रियान्वयन व उपलब्धि पर अपनी शेयरिंग की।
कार्यक्रम के अंत मे सहायक निदेशक डॉ. नरेंद्र टांक ने कोविड-19की प्रतिकूल परिस्थितियों में होनहार राजस्थान के उदयपुर जिले में क्रियान्वयन को साकार करने हेतु सभी को होनहार उदयपुर का संकल्प दिलाया। वेबिनार का संचालन प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी त्रिभुवन चैबीसा ने किया।
क्या है होनहार राजस्थान कार्यक्रम ?
राज्य में समय समय पर आयोजित होने वाले आंतरिक एवं बाह्य आकलनों के आधार पर विद्यार्थियों का कक्षा स्तर तय कर निम्न स्तर के विद्यार्थियों को कक्षा स्तर तक लाने एवं कक्षा स्तर के विद्यार्थियों के आंकलन में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य की पूर्ति हेतु संचालित प्रक्रिया को होनहार राजस्थान नाम दिया गया है।
विभिन्न कार्य पुस्तिकाये,उपचारात्मक शिक्षण ,शिक्षक प्रशिक्षण एवं सघन पर्यवेक्षण इस कार्यक्रम के घटक हैं।
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