सेना में भर्ती होने की एवं दुरगामी अच्छे परिणाम देने वाली अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में इस वक्त अग्नि परीक्षा चल रही है। योजना की जानकारी जन मानस तक पहुंचने से पहले ही युवाओं को आंदोलन की राह पर उतार दिया गया। आंदोलन शांतिपूर्ण चले तो कोई गम नहीं लेकिन जब यही आंदोलन हिंसक हो जाए तथा राष्ट्रीय सम्पत्ति को ही आग के हवाले करने लग जाए तो ऐसे युवाओं से क्या उम्मीद की जा सकती है। आंदोलन करना हक हो सकता है लेकिन राष्ट्र की सम्पत्ति को नुकसान कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे आंदोलनकारी सोशल मिडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। लोग इनके आंदोलन के तरीके पर ही उंगलियां उठाते हुए कह रहे हैं कि ऐसे युवा कैसे सेना में भर्ती होकर राष्ट्र की सेवा करेंगे।