जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में गौवंश में फैली लम्पी स्किन डिजीज जैसी महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबन्ध किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन रोग से प्रभावित जिलों में आवश्यक अस्थाई आधार पर 500 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया शीघ्र ही पूर्ण किये जाने निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश के कई जिलों के पशुओं में लम्पी स्किन रोग का संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन जल्द से इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। सरकार द्वारा दवाईयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार हर समय पशुपालकों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से हम इस संक्रमण से भी निजात पा सकेंगे।
श्री गहलोत ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 से 12 लाख रूपए और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रूपए सहित कुल 140 लाख रू. की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। यह राशि पूर्व में इमरजेंसी बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी रोग नियंत्रण के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार बैठकें की जा रही हैं। इसके अलावा प्रभारी मंत्री भी अपने प्रभार वाले जिलों में भ्रमण कर निगरानी रखें हुए है। प्रदेश में पशु हाट और पशु मेलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
गैर प्रभावित जिलों से रोग प्रभावित क्षेत्रों में 33 पशु चिकित्सक एवं 116 पशुधन सहायक लगाए गए हैं। आवश्यकता होने पर अन्य जिलों से और स्टाफ भेजा जाएगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से आवह्वान किया है कि इस महामारी के दौरान पूरी सेवा भावना से कार्य कर गौवंश को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता रखें ताकि हम इस बीमारी की रोकथाम में सफल हो सके।
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