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फतहनगर। स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने को लेकर जलदाय विभाग दावे करता है लेकिन फतहनगर में स्वच्छ जलापूर्ति को लेकर जलदाय विभाग के अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। अधिकारियों की उदासीनता के चलते ही यहां के लोग दूषित पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में लोगों के बीमार होने की संभावनाएं हैं। वार्ड 14 में श्रीमती सरोज शर्मा ने बताया कि हमेषा गंदे पानी की आपूर्ति की जाती है। पांतरे जलापूर्ति होने से पेयजल का भी संकट है। पांतरे जलापूर्ति के दौरान मटकों में शुरूआत में बेहद गंदा पानी आता है। यह पानी मटमैला एवं बदबूदार होता है। कई बार साबुन के झाग वाला पानी आता है। नालियों के पानी जैसी बदबू भी आती है। इसके कुछ देर बाद पीने का पानी भरा जाता है लेकिन फिर भी गंदगी है कि आ ही जाती है। श्रीमती शर्मा ने पानी छानने के लिए लगाए गए कपड़े पर आई गंदगी दिखाते हुए कहा कि आखिर हम ऐसा पानी कैसे पीएं। इस क्षेत्र में पहले भी लोग दूषित जलापूर्ति की षिकायत कर चुके हैं। रोड़वेज बस स्टेण्ड पर लिकेज के चलते आपूर्ति के दौरान सड़क पर पानी व्यर्थ बहता है तो सनवाड़ मार्ग पर डॉ.यादव के घर से आगे नल का पानी सड़क पर भर जाता है जिससे सड़क टूट चुकी है तथा लोगों को परेषानी का सामना करना पड़ रहा है।
वादे के विपरित बिल थमाएः सरकार का वादा था कि पानी का न्यूनतम बिल नहीं आएगा लेकिन इस मर्तबा पानी के बिल आते ही उपभौक्ताओं का माथा ठनक गया।