राजस्व मंत्री श्री जाट उदयपुर जिले में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने तथा निवेशकों के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा रीको के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर के होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित ‘इन्वेस्ट उदयपुर समिट, उदयपुर‘ की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उद्योगों को भूमि, बिजली, सुरक्षा की जरूरत होती है और राज्य सरकार की औद्योगिक नीति इस मायने में उद्यमियों की मददगार साबित हुई है। आज राजस्थान का उद्योग काफी सुरक्षित है और यहां बड़े-बड़े औद्योगिक घराने निवेश कर रहे हैं। राजस्थान आने वाले समय में बिजली का हब बनने जा रहा है और इससे उद्योगों को बड़ा फायदा होगा। उन्होंने राज्य सरकार के जन घोषणा पत्र के आदर्श सेवा ही कर्म, सेवा ही धर्म का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही पुराने उद्योगों की समस्याओं के समाधान का भी ध्यान रखा है।
उदयपुर प्रभारी मंत्री श्री जाट ने कहा कि दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान बनाने वाले और स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे उदयपुर में निवेश होने पर न सिर्फ उद्यमियों अपितु प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हर एक उदयपुरवासी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से भी उदयपुर काफी सुरक्षित है ऎसे में उदयपुर रहने और उद्योगों के लिए काफी बेहतर स्थान है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि वर्तमान में रीको द्वारा जिले में 10 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये गये है जिनमें 1441 औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित है। मेवाड़, मेवाड़ (विस्तार), सुखेर, गुडली, आईआईडी सेन्टर कलड़वास, भामाशाह कलड़वास, कलड़वास (विस्तार), फतहनगर, सनवाड व प्रतापनगर में करीब 2212 एकड़ भूमि पर ये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये गये हैं वहीं खेरवाड़ा के खेरादीफला, गोगुन्दा के नान्देशमा, झाड़ोल के पालयाखेडा, ऋषभदेव के रायणा, कोटड़ा के मेरपुर और वल्लभनगर तहसील हेडक्वार्टर पर औद्योगिक क्षेत्र के लिये भूमि चिन्हित कर ली गई है।
उद्योग मंत्री ने दिया वर्चुअल संबोधन-
कार्यक्रम दौरान उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने वर्चुअल संबोधन दिया और कहा कि मुख्यमंत्री लघु प्रोत्साहन योजना, वन स्टॉप शॉप आदि योजनाओं के रूप में मुख्यमंत्री का विज़न है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्यमी निवेश कर उद्योग स्थापित करें और उन्हें सरकार की तमाम प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए आश्वस्त किया और कहा कि वन स्टॉप शॉप के अंतर्गत एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस दौरान राजस्थान फाउंडेशन के चेयरमेन धीरज श्रीवास्तव ने भी वर्चुअल संबोधन देते हुए समिट की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मावली विधायक श्री धर्मनारायण जोशी ने कहा कि जिला स्तर पर इंवेस्ट समिट का आयोजन राज्य सरकार का सराहनीय प्रयास है, इससे उदयपुर में औद्योगिक विकास होगा। उदयपुर संभागीय आयुक्त श्री राजेन्द्र भट्ट ने क्षेत्र के औद्योगिक परिदृश्य की जानकारी देते हुए कहा कि यहां निवेश व औद्योगिक विकास की प्रबल संभावनाएं हैं।
उदयपुर जिला कलक्टर श्री चेतन देवड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने रोजगार व विकास की अपार संभावनाओं वाले उदयपुर में इंवेस्ट समिट का आयोजन विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। कार्यक्रम दौरान उदयपुर सीमेंट के नवीन शर्मा तथा उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कोमल कोठारी ने भी संबोधित करते हुए इंवेस्ट समिट के माध्यम से स्थानीय निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की।
समिट में मावली विधायक श्री धर्मनारायण जोशी, वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेन्द्रसिंंह शक्तावत, यूसीसीआई अध्यक्ष कोमल कोठारी सहित समाजसेवी लालसिंह झाला, पंकज कुमार शर्मा, यूआईटी सचिव अरुण कुमार हसीजा, एडीएम सिटी अशोक कुमार, एडीएम प्रशासन ओ.पी.बुनकर सहित विभिन्न उद्योगपति उपस्थित थे।
4 हजार 649 करोड़ के एमओयू से खुले विकास और रोजगार के द्वार-
इंवेस्ट उदयपुर समिट में जिला कलक्टर श्री चेतन देवड़ा और विभिन्न निवेशकों ने एमओयू और एलओआई पर हस्ताक्षर किए। समिट में 13 सेक्टर्स की ओर से 4649.17 करोड़ की लागत के 83 एमओयू हुए जिसके तहत 10536 जनों को रोजगार दिया जाएगा। इसमें एग्रो सेक्टर की तरफ से 84.01 करोड़ की लागत के 10 एमओयू हुए जिससे 317 को रोजगार मिलेगा। वहीं ऑटो कंपोनेंट्स की तरफ से 5.1 करोड़ का एक एमओयू जिसमें 20 लोगों को रोजगार मिलेगा। केमिकल सेक्टर की तरफ से 165.25 करोड़ के 6 एमओयू जिसमें 940 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। शिक्षा की ओर से 10 करोड़ का एक एमओयू जिसमें 100 जनों को रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से 180 करोड़ के दो एमओयू जिसमें 300 लोगों को रोजगार, आईटी सेक्टर की तरफ से 19 करोड़ की लागत का एक एमओयू जिसमें 250 लोगों को रोजगार, मेडिकल की ओर से 371 करोड के पांच एमओयू जिसमें 1480 लोगों को रोजगार, मिनरल की ओर से 1470.38 करोड़ की लागत के 11 एमओयू जिसमें 1081 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। समिट में माइंस की ओर से 7 करोड़ का एक एमओयू में 25 लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाएंगे, पेट्रोकेमिकल की ओर से 109.14 करोड़ के 6 एमओयू हुए जिसमें 470 लोगों को रोजगार मिलेगा, रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ से 5 करोड़ का एक एमओयू जिसमें 60 लोगों को रोजगार, टेक्सटाइल की ओर से 68.5 करोड़ के 3 एमओयू जिसमें 230 लोगों को रोजगार तथा पर्यटन सेक्टर की तरफ से 2154.79 करोड़ के 35 एमओयू हुए जिसमें 5263 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
2 हजार 741 करोड़ के एलओआई-
इस समिट के दौरान 6 सेक्टर की ओर से 2741.5 करोड़ की लागत के 17 एलओआई हुए जिसमें 13 हजार 805 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके तहत एग्रो सेक्टर की ओर से 985 करोड़ के 7 एलओआई किए गए जिसमें 10 हजार 360 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। बेकरी आईटम्स की ओर से 100 करोड़ की लागत से एक एलओआई, जिसमें एक हजार लोगों को रोजगार प्रदान किया जाएगा। वही केमिकल सेक्टर की तरफ से 56.5 करोड़ की लागत के दो एलओआई हुए जिसमें 65 लोगों को रोजगार, फ़र्टिलाइज़र्स द्वारा 600 करोड़ की लागत से एक एलओआई, जिसमें 500 लोगों को रोजगार, मिनरल की तरफ से 20 करोड़ की लागत से एक एलओआई जिसमें 120 लोगों को रोजगार तथा पर्यटन सेक्टर की तरफ से 980 करोड़ के 5 एलओआई हुए जिसमें 1760 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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