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फतहनगर - सनवाड

एक शाम राष्ट्र के नाम कवि सम्मेलन का घासा में सफल आयोजन,राजस्थान भर से आए कवियों ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएं,चाय पिलाने वाले ने सबको पानी पिला दियाःदीपक सैनी

फतहनगर। सोमवार शाम मावली तहसील के घासा के हनुमान पार्क में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कवियों ने अपनी विभिन्न काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
कविगणों ने अपनी रचनाओं के जरिए राष्ट्र जागरण,संस्कृति,महिला सशक्तिकरण जैसे सामाजिक मुद्दों पर अपनी प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर कवियों ने मंच से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील भी की।
कार्यक्रम में जयपुर से किशोर पारीक ”किशोर“, बारां से शिवांगी सिंह सिकरवार, जयपुर से अशोक चारण, दिल्ली से दीपक सैनी, भीलवाड़ा से कैलाश मंडेला, डूंगरपुर से विपुल विद्रोही उपस्थित रहे।
एक शाम राष्ट्र के नाम के अंतर्गत आयोजित कवि चैपाल का शुभारंभ कवयित्री शिवांगी सिंह सिकरवार ने सरस्वती वंदना कर की। चैपाल में कवियों ने देश भक्ति से ओतप्रोत काव्य रचनाओं का प्रवाह किया जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा।
कवि किशोर पारीक किशोर की रचना, नाम राम का लेकर मरता, राम राम कर जीता, राम हमारे घट घट वासी, हृदय निवासिनी सीता, सुना कर श्रोताओं को जोश से भर दिया।
कवयित्री शिवांगी सिंह सिकरवार ने, नयनों से जी भर तुम्हें देखती हूं। चरणों के दर्शन से धन्य रहती हूं। सूरज की लालिमा लपेट खड़े हो, श्रीनाथ तुमसे तुम्हें मांगती हूं। गाकर श्रोताओं की खूब वाह-वाही लूटी।
वीर रस के कवि अशोक चारण की रचना, भारत मैया के बेटों का स्वाभिमान सुरक्षित है, कार सेवकों से कह दो उनका बलिदान सुरक्षित है, जो तुम करना चाहते थे वो करवा दिया अयोध्या में, अंबर से देखो कि मंदिर बनवा दिया अयोध्या में, सुना कर श्रोताओं में जोश भर दिया।
कवि दीपक सैनी की पंक्तियाँ, उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम तक भारत को मिला दिया, तुमने तो मुरझाए हुए कमल को खिला दिया, जो भी आया टकराने सबको भीतर तक हिला दिया, चाय पिलाने वाले ने सबको पानी पिला दिया, पर श्रोताओं ने खूब दाद दी।
भीलवाड़ा के राजस्थानी कवि कैलाश मंडेला की पंक्तियाँ, धोयो माथे लाग्योड़ा दाग ने। हिंदवाणी सूरज ऊंची राखी मेवाड़ी पाग ने। को श्रोताओं ने खूब सराहा।
विपुल विद्रोही की रचना, देखो भाग फिरे हैं फिर से रामलला के धाम के, पूरा भारत अवध बना है स्वागत में श्री राम के पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजायी।
कवि सम्मेलन का संचालन गणेश कुम्हार एवं कवि विपुल विद्रोही ने किया। शिवानी पालीवाल व नीतू जैन ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सैंकड़ों श्रोता उपस्थित हुए जिन्होंने कवियों के काव्य पाठ को खूब सराहा।

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