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उदयपुर

ऑंनलाईन एपीएआर में उदयपुर जिला राज्य में प्रथम स्थान पर

उदयपुर। ऑनलाईन एपीआर में उदयपुर जिला राज्य स्तर पर हपले पायदान पर पहुंच गया है। 96.87 प्रतिशत कार्मिकों ने एपीएआर सबमिट कार्य पूर्ण किया। प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा 79.73 प्रतिशत एवं समीक्षक अधिकारी द्वारा 41.94 प्रतिशत एपीएआर एप्रुव का कार्य सम्पन्न हो गया। संयुक्त निदेशक उदयपुर संभाग श्रीमती एंन्जिलिका पलात ने शेष रहे एपीएआर कार्य को 30 सितम्बर 2022 तक शत प्रतिशत पूर्ण करने हेतु कार्मिको/अधिकारियों को निर्देशित किया है। इससे एसीपी एवं डीपीसी कार्य में गति मिलेगी। शिक्षा विभाग में वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन 29 अगस्त से ऑनलाईन कार्य प्रांरभ किया जो अनवरत जारी है। अब तक तीन लाख तीन हजार से अधिक लोकसेवक अपनी एपीएआर ऑनलाईन सबमिट कर चूके है। जिसमें उदयपुर जिले में कार्यरत कार्मिकों ने सर्वाधिक 93 प्रतिशत कार्मिकों ने एपीएआर सबमिट कार्य पूर्ण कर लिया । उदयपुर जिले का एपीएआर मॉनेटरिग का कार्य मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में सहायक निदेशक डां.दिनेश कुमार बंसल एवं प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार महात्मा द्वारा किया गया। सहायक कर्मचारी के अतिरिक्त सभी लोकसेवकों को अपनी एपीएआर प्रतिवर्ष ऑनलाईन जमा करवाने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में शाला दर्पण पोर्टल के ंएपीएआर मॉडयूल के माध्यम से लोकसेवकों को अपनी एपीएआर स्टाफ विंडों से सबमिट करने की ऑनलाईन सुविधा प्रदान की गई है। लोकसेवक द्वारा सबमिट एपीएआर पर प्रतिवेदक, समीक्षक एवं स्वीकारकर्ता अधिकारी अपनी लॉगिन से ऑनलाईन मूल्यांकन कर ई-साईन के माध्यम से सबमिट करेगें। यानि पूरी प्रक्रिया को कुछ मिनट में ही संपादित किया जा सकता है। एपीएआर ऑनलाईन कार्य में अब तक जिला उदयपुर, बारा एवं धौलपुर जिले प्रथम तीन स्थान पर है। राजकीय सेवा मे कार्यरत लोकसेवक के लिए वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है जो एक लोकसेवक के आगे के विकास के लिए बुनियादी और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। प्रत्येक लोकसेवक का उसकी राजकीय सेवा में प्रदर्शन का मूल्यांकन उसके वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के माध्यम से प्रतिवर्ष किया जाता है। लोकसेवक के कार्य, आचरण, चरित्र और क्षमताओं को वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज किया जाता है। वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की उपयोगिता एक लोकसेवक को उसके उच्च अधिकारियों द्वारा सौपे गए कार्य / लक्ष्य की पूर्ती करना उसका प्रथम दायित्व है। वार्षिक कार्य मूल्यांकन के प्रथम पृष्ठ जिसमे में लोकसेवक को राज्य सरकार व उच्च अधिकारियों द्वारा सौपे गए कार्य के लिए यथा नामांकन, ठहराव, जनसहभागिता, विद्यालय विकास में योगदान, राजकीय योजनाओं में योगदान, परीक्षा परिणाम आदि वर्ष पर्यन्त उसके द्वारा संपादित कार्य पर उससे वरिष्ठ तीन उच्च अधिकारियों की राय होती है। जिसका महत्व लोकसेवक की आगे की सेवा मे बहुत उपयोगी हो सकता है। ऑनलाईन व्यवस्था से परिलाभ कार्मिकों की एसीपी एवं पदौन्नति में गत 07 वर्ष की वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की आवश्यकता होती है। ऑनलाईन प्रक्रिया से एसीपी एवं पदौन्नति कार्य में अब वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के अभाव में विलंब नहीं होगा। कार्मिकों एवं कार्यालयों के समय की बचत होगी एवं पूर्व की ऑफलाईन जटिल प्रक्रिया से निजात मिलेगी। यह जानकारी श्री पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी उदयपुर द्वारा दी गयी।

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