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रजत स्वर्ण द्वार नंगाडे स्वर्णकलष स्वर्ण ध्वजा होगी शोभायमान
खाटू के गणेष बाके बिहारी सालासर हनुमान प्रभु श्याम की हुबहु बिराजेगें दरबार में
श्याम दरबार ने लिया भव्य आकार यहां भक्तो के सपने होगें साकार
स्वर्णिम रजत आभा लिये अलौकिक अद्भुत परलौकिक सजेगा श्याम दरबार
श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल का 6वां जागरण महामहौत्सव आज
टाउनहॉल खाटू श्याम संध्या आज भक्तो को रहता इसका इंतजार
उदयपुर। 25 मई । आज रात्रि सवा आठ बजे धर्म नगरी उदयपुर के टाउनहॉल प्रांगण में विशाल एवं भव्यतम बहुमंजिले मंदिर नुमा मंच पर श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल ट्रस्ट का छठा अखिल भारतीय श्याम जागरण महा महौत्सव का शुभारंभ स्वःप्रज्जवलित अखण्ड जोत गणेश श्याम हनुमान स्तुति महाआरती से हो प्रभु इच्छा तक चलेगा। तैयारियां अंतिम चरण में । पूरा प्रांगण खाटू नगर के खाटू धाम मंदिर की प्रतिकृति पर हुबहु रूप ले चुका है। यहां का नजारा अलौकिक, वातावरण, सुंगधित व संगीतमयी धुनो से धार्मिक हो चला है।
श्याम भक्त नारायण अग्रवाल ने बताया कि ट्रस्टियों द्वारा लगातार 15 वर्षो से जारी इन भजन संध्या में हर बार नई नई परिकल्पना कर नया दरबार सजाया संवारा निखारा जाता है न तो दरबार ना ही भजन गायक दोहराये जाते है। यही कारण है कि यह संध्या ना केवल मेवाड बल्कि पुरे देश के श्याम भक्तो में खासी चर्चीत एवं लोकप्रियता में सर्वोच्च स्थान पर है, देश का हर चोटी का भजन गायक यहां भजनो की हाजरी लगाना चाहता है तो हर भक्त यहां दरबार में हाजीर हो सेवायें देना चाहता है।
तीन पीढीयों व साठ से अधिक वर्षो से नई दिल्ली के श्याम मंच शिल्पी राधेश्याम कसेरा के पुत्र राजकुमार कसेरा व पौत्र नवीन कसेरा हरदम कुछ नया देने की चाह रखते है देष के अनेक प्रान्तों में प्रतिवर्ष 300 से अधिक वार्षिक एवं अब तक हजारों राष्ट्रीय भजन संध्याओं के मच रूपी दरबार को सजाने, संवारने, निखारने का सौभाग्य प्राप्त कर एक नया इतिहास बनाने की ओर अग्रसर है । पिछले 20 वर्षो में केवल उदयपुर में ही 25 से 30 वार्षिक संध्याओं के दरबार सजा चुके है। इसी कडी एवं श्रृंखला में तीसरी पीढी के युवा उर्जावान, बहुमुखी प्रतिभा के धनी नवीन कसेरा के दिमाग में विचार किया कि क्यों नही मेवाड के लाखो भक्तो को जो अभी तक खाटू धाम नही जा पाय है या जाकर आये है उन्हें साक्षात खाटू नरेश के मंदिर एवं उसमें स्थित श्याम दरबार गणेश मंदिर ,बांके बिहारी मंदिर सालासर हनुमान मंदिर के हुबहु दर्शन उनके अपने शहर में कराये जाये।
करोडो श्याम भक्तो की आस्था के केन्द्र कलियुग के कृष्ण अवतारी खाटू नगर नरेश के नीज मंदिर के सूर्यग्रह में स्थित श्याम दरबार एवं श्याम शीश की स्थापना हुबहु उसी प्रकार की पहल बार श्याम बाबा का शीश बीना बाधा (षीश का आधार वस्त्र) के सीधे खाटू नगर की तर्ज पर देश विदेश पुष्पो के मध्य सजाया संवरा श्रृंगारित किया जा रहा है। कोलकाता से ताजा आर्केडा पुष्पो का प्रथम जखीरा वायुयान द्वारा शुभम गर्ग की देखरेख में उदयपुर आया है । गर्भगृह के बाहर स्थित स्वर्ण द्वार, रजत द्वार, बरामदा, परिक्रमा स्थल में स्थापित विभिन्न मंदिर तथा प्रभु को फरियाद करने हेतु रखा विशालकाय नगाडा मंदिर के शीर्ष पर स्थित पांच स्वर्णकलष स्वर्ण ध्वज पताका भी मूलरूप में लगाने की शानदान कोशिश की गयी है। पूरे श्याम दरबार की प्रस्तुती वहां कर हर दृश्य नजारा इस तरह के जीवन्त जागृत किया गया है कि जिसने खाटू मंदिर भ्रमण किया है देखा है वो अपलक अविराम कीकर्तव्यविमुड हो अपने आपको एक के लिये ही सही साक्षात खाटू मंदिर में उपस्थित होने का अहसास अपने जहन दिलो में लेकर जाये। जिसने अब तक दरबार नहीं देखा है उसे वहां के भ्रमण का स्वार्त्रींक आनंद की अनुभुति हो एवं खाटू जाने की प्रेरणा मिले । इसके लिये पूरे मंच को स्वर्णिम रजत एवं श्वेत शेल्स सफेदी आभा से श्रृंगारित किया गया है।
नजफगढ दिल्ली स्थित छोटा खाटू श्याम से अर्चना मंगलगान से परम श्याम भक्त मोरछडी धारक उषाबाई जी एवं उनके गुरूजी उमानंद जी के सानिध्य में उदयपुर पधारने पर बंसल निवास पर संध्या के मुख्य संयोजक प्रणेता कोषाध्यक्ष सुनिल-स्नेहलता बंसल मिमान्सा, आस्था, नलिन बंसल परिवार सभी ट्रस्टीगण एवं अनेक श्याम भक्त श्री खाटू श्याम बाल गायक मण्डल के सदस्यों द्वारा बाबा की अगवानी स्वागत, सत्कार कर शीश को अस्थायी स्थापना गुणगान कर श्याम नेकचार की रस्म अदा करेंगे ।
श्याम भक्त नारायण अग्रवाल के अनुसार पूजा दरबार खाटू नगर मंदिर सा प्रतीत हो रहा है नवीन कसेरा द्वारा प्रभु श्याम के शीश पर नवनिर्मित शुद्ध स्वर्ण रजत ताम्र आभूषण हीरे, मोती, माणक्य, जवाहरात, का मन भावन देवीय श्रृंंगार किया जा रहा है जो संध्या के अंतिम पलो तक जारी रहेगा। प्रभु श्याम के शीश पर महाभारत कालिन रत्नजडित स्वर्ण मुकुट शोभायमान हागा, उपर छतर झांझ झंकीरे लहरायेगें प्रभु के मुखारबिन्द से लगी रत्न जडती स्वर्ण बांसुरी किये सुशोभित हो रही है लगता है कि इससे अचानक स्वर लहरियों को झरना फुट पडेगा एवं भक्तो के कानो, तन बदन नस नस में भक्ति के माधुर्य रस घोल देगा । श्याम दरबार की आभा छटा देखते ही बनती है जिसे अपलक एक निहारते आंखे पथरा की जाती है।
इस संध्या में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देष के चोटी के भजन गायको में प्रमुख बृज रसिक मदना पागल, मास्टर देवधर चुघ, बन्टू भैया, मयंक अग्रवाल, गायक संचालक सुत्रधार महावीर अग्रवाल ’’वासु’’ संगीतकार शिवम अपनी ओजस्वी धुम धडाके वाले कोकिल वाणी से सुर संरिता भजनो की स्वर गंगा बहाने अपने प्रभु खाटु नरेश को मनायेगें, रिझायेगें उनका यशोगान करेगें। इनके संग खाटू श्याम के परम श्याम भक्त उषा बाईजी अपने गुरू उमानंद जी संग स्वयं दरबार में उपस्थित रह अपनी विश्व विख्यात चमत्कारिक मोरछडी के स्पर्ष से भक्तो को सौभाग्य
बांटेगें ।