उदयपुर, 12 जून। शहर के गांधी ग्राउण्ड में 21 दिनों से चल रहे केंद्रीय जनजाति आवासीय खेल प्रशिक्षण शिविर का रविवार को समापन हो गया। कार्यक्रम में पहुंचे संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट एवं जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने जनजाति क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित किया और उन्हें प्रोत्साहित किया। समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि गिर्वा उपखंड अधिकारी सलोनी खेमका, सेव द गर्ल चाइल्ड की ब्रांड एम्बेसेडर डॉ. दिव्यानी कटारा, समाजसेवी मनवीर राका, अंतर्राष्ट्रीय धाविका हमीदा बानो, अर्जुन अवॉर्डी तीरंदाज श्याम लाल मीणा, राष्ट्रीय स्तर के राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के खेल प्रशिक्षक एवं जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।
खेल उपकरण पाकर खिलाड़ियों के खिले चेहरे
संभागीय आयुक्त भट्ट एवं कलक्टर मीणा द्वारा द्वारा खिलाड़ियों को पारितोषित वितरित किए गए। इस दौरान खिलाड़ियों को ट्रैकसूट, स्पोर्ट्स किट, स्पोर्ट्स शूज, स्टाकिंग और तीरंदाओं को तीरंदाजी संपूर्ण किट प्रदान किए गए। खेल उपकरण प्राप्त कर खिलाड़ी भी उत्साहित दिखे एवं उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। खिलाड़ियों ने कहा कि राज्य सरकार से ये उपकरण पाकर अब वे और बेहतर तैयारी कर सकेंगे। शिविर निदेशक प्रेम सिंह भाटी ने स्वागत एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
जिले में निरंतर खेल सुविधाओं का विस्तार जारी
संभागीय आयुक्त द्वारा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा जनजाति क्षेत्र के खिलाड़ियों को विभिन्न प्रकार की खेल सुविधाएं एवं खेल प्रशिक्षक शीघ्र उपलब्ध करवाने की बात कही। जिला कलेक्टर द्वारा उदयपुर महाराणा भोपाल स्टेडियम, खेल गांव, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम एवं अन्य प्रकार की खेल सुविधाओं की जानकारी खिलाड़ियों को दी और भविष्य में भी हर संभव खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने को आश्वस्त किया। राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की तरफ से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह शिविर निदेशक प्रेम सिंह भाटी द्वारा दिए गए। धन्यवाद ज्ञापन अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्रशिक्षक राजनारायण ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिला खेल अधिकारी शकील हुसैन ने किया और संपूर्ण जानकारी समय-समय पर अतिथि और खिलाड़ियों को देते रहे।
आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने किया था शुभारंभ
उल्लेखनीय है कि राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने गत माह 23 मई को 21 केंद्रीय जनजाति आवासीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ किया था, जिसमें विभिन्न प्रकार के खेलों का जनजाति खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया।