फतहनगर(कार्यालय संवाददाता)। विधानसभा में उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोरोना संक्रमण रोकथाम में विफलता का आयोप लगाते हुए कटघरे में खड़ा किया। राठौड़ ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण को रोकने में विफलता व कुप्रबंधन को छिपाते हुए उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर दोषारोपण कर कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है।
कोरोना संक्रमण फैलने के बाद अब मुख्यमंत्री जी का बयान -पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे। को चरितार्थ कर रहा है अर्थात् दूसरों को उपदेश देना तो बहुत आसान है लेकिन स्वयं उन उपदेशों पर अमल करना कठिन है। उन्होने कहा कि शायद मुख्यमंत्री जी भूल गए हैं कि राजस्थान विधानसभा उपचुनावों में नरेगा व दूसरे मजदूरों की भीड़ लाकर कांग्रेस प्रत्याशियों की विशाल नामांकन रैलियां शुरु करने का काम तो खुद उन्होंने ही प्रारंभ किया था। राजस्थान में चुनाव प्रचार के साथ ही बाहर असम में रैलियों को संबोधित कर कोविड गाइड लाइन्स का खुद उल्लंघन करने वाले मुख्यमंत्री जी का बयान संवैधानिक संस्थाओं को कुचलने वाला व हास्यापद है तथा उनकी शब्दावली मुख्यमंत्री पद की गरिमा का अपमान करने जैसी है।
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