भारत सरकार ने राज्य सरकारों से उचित मूल्य पर खाद्य पदार्थों/ दवाओं, स्वच्छता उत्पादों और अन्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा
राज्य/ संघ शासित क्षेत्र हड़बड़ी में आवश्यक वस्तुओं की भारी खरीद की स्थिति से बचने के लिए प्रचार और जागरूकता गतिविधियां कर सकते हैं
यह सुनिश्चित करने के लिए आज राज्य सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुख्य सचिवों की राष्ट्रीय स्तर पर बैठक हुई
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों पर जमाखोरों के खिलाफकोई ढिलाई नहीं बरतने पर जोर दिया, जिससे महामारी के चलते लगाए गए कर्फ्यू/ लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाई रखी सके।
इस संबंध में आज राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालयके उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव सुश्री निधि खरे ने देश भर में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और मूल्य की स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के साथ राज्य की विभिन्न मंडियों में आवश्यक वस्तुओं की आमद के साथ मूल्य का विवरण भी साझा किया गया।
इसके अलावा, यह भी चर्चा की गई कि खाद्य पदार्थों/ दवाओं, स्वच्छता उत्पादों और आवश्यक सेवाओं सहित आवश्यक आपूर्तियों की कीमत न बढ़े और वे उचित मूल्य पर उपलब्ध रहें। मांग/ आपूर्ति असंतुलन की स्थिति से बचने के क्रम में प्रभावी निगरानी और प्रवर्तन गतिविधियों के लिए राज्य/ संघ शासित क्षेत्र और जिला स्तर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, विधिक माप-विज्ञान नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस के संयुक्त दल बनाए जा सकते हैं। राज्य/ संघ शासित क्षेत्र हड़बड़ी में आवश्यक वस्तुओं की भारी खरीद की स्थिति से बचने के लिए प्रचार और जागरूकता गतिविधियों का संचालन भी कर सकते हैं।
बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के प्रशासन को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए बेईमान व्यापारियों और जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण आदि पर नियंत्रण करने और उसे राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को सौंपने का अधिकार देती है।
कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 की धारा 3 के तहत, समुदाय को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने में बाधा पहुंचाने से रोकने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को अधिकतम 6 महीने की अवधि के लिए हिरासत में लिया जा सकता है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 की देखरेखउपभोक्ता मामलों का विभाग करता है। ये दोनों अधिनियम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उन्हें बेईमान व्यापारियों व जमाखोरों द्वारा शोषण से बचाने के क्रम में लागू किए गए थे।