जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश के सभी चिकित्सा कार्मिक और फील्ड में कार्यरत आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कोरोना काल में बेहतरीन कार्य करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्हें कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए मुस्तैदी से तैयार रहने का आव्हान किया।
डॉ. शर्मा गुरुवार को कोविड-19 की संभावित तीसरी वेव से बचाव की तैयारियों के लिए दिए जा रहे वर्चुअल आउटरीच प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संविदा कार्मिक व खंड, जिला स्तर से निदेशालय स्तर के सभी विभागीय अधिकारी और कार्मिक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों के पीकू, नीकू, एनएससीयू, मातृत्व एवं शिशु अस्पतालों के आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रही है। प्रदेश के 350 से ज्यादा सामुदायिक केंद्रों को भी चिकित्सकीय दृष्टि से सुदृढ़ किया जा रहा है। केंद्रों पर ऑक्सीजन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 400 ऑक्सीजन प्लांट व उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिनसे 1000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा।
डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान कोरोना प्रबंधन के बाद वैक्सीनेशन प्रबंधन में भी अग्रणी रहा है। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 23 लाख 76 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 आयुवर्ग के टीकाकरण में वेस्टेज 0 फीसद रहा, जबकि 44 से ज्यादा आयुवर्ग में 0.7 प्रतिशत वेस्टेज रहा जबकि भारत सरकार की ओर से 10 फीसद वेस्टेज अनुमत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यदि पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन डोज उपलब्ध रवाए जाएं तो विभाग 15 लाख लोग डोज प्रतिदिन लगा सकता है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य कार्मिकों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए अस्पताल में भर्ती एवं ओपीडी में आने वाले हर मरीज को अपने सामर्थ्य से कहीं बढ़कर बेहतरीन चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। वहीं फील्ड में भी आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम ने डोर टू डोर सर्वे कर कोरोना संभावित लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित करके दवाइयां वितरित की, जिससे कोरोना संक्रमण का प्रसार नियंत्रित हुआ। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिक पूरे जोश और समर्पण से महामारी से मुकाबले के लिए आज से ही जुट जाएं ताकि आने वाले दिनों में आमजन को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने पहली और दूसरी लहर में चिकित्सा कार्मिकों द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए फील्ड में जाने वाली कार्यकर्ता लोगों को मास्क लगाकर घर से निकलने, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने व अन्य सावधानियों के लिए भी जागरूक करते रहें। उन्होंने कहा कि ग्र्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले टीम आमजन को सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाएं के बारे में भी जानकारी दें ताकि इनका लाभ ज्यादा से ज्यादा उठाया जा सके।
जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. के.के. शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक्टिव व पैसिव सर्विलैंस, पोस्ट कोविड केसज का आइडेंटिफिकेशन और आएटरीच एक्टिविटी (मौसमी बीमारियां, एनएसडी सर्वे), मैनेजमेंट ऑफ पीडियाट्रिक केसेज, ऑपरेटिंग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलेंडर, ऑक्सीजन थेरेपी, बाइपैप, सीपैप और प्रोनिंग थैरेपी पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया ताकि संभावित तीसरी लहर में चिकित्साकार्मिक बेहतर सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा 24 से 28 जून तक होने वाले इन प्रशिक्षणों में लगभग ढाई से तीन लाख चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इन प्रशिक्षणों में आगे अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा।
इस दौरान स्वास्थ्य भवन से मिशन निदेशक श्री सुधीर शर्मा, निदेशक आरचीएच डॉ. लक्ष्मणसिंह ओला, निदेशक सीफू डॉ. ओपी डोरिया, जिला स्तर से सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आरसीएचओ व खंड स्तर से ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोविड कंसलटेशन सेंटर प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी व अन्य चिकित्सा कर्मी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।
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