जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को जल भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कंटींजेंसी के दौरान पेयजल प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मार्च माह से ही प्रदेश में भीषण गर्मी को देखते हुए आगामी दो-तीन माह के लिए उपलब्ध पेयजल का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने अवैध बूस्टर्स के खिलाफ जिला प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि अवैध बूस्टर्स के उपयोग की शिकायत मिलने पर टीम बनाकर कार्रवाई की जाए। उन्होंने जयपुर शहर में अवैध बूस्टर्स की अधिक शिकायतों को देखते हुए इसके खिलाफ सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा अप्रेल माह में आयोजित ऊर्जा-पेयजल की समीक्षा बैठक में दिए गए के निर्देशों के क्रम में जिलों में जिला कलेक्टर की अनुशंसा से 50 लाख रूपए के कंटीजेंसी कार्य प्राथमिकता से पूरे किए जाएं। इसके लिए संबंधित जिलों के अधीक्षण अभियंता जिला कलक्टर्स से पूर्ण समन्वय रखें। उन्होंने कहा कि कंटीजेंसी के तहत स्वीकृत राशि के अलावा और आकस्मिक कार्य जरूरी हों तो राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लेकर अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की जाएगी, ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप टैंकरों के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था का पारदर्शिता के साथ संचालन करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एसीई एवं अधीक्षण अभियंताओं को फील्ड में जाकर पेयजल प्रबंधन की वस्तुस्थिति देखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में पेयजल की स्थिति गंभीर है वहां आमजन को इसके सदुपयोग के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने हैल्पलाइन 181 एवं संपर्क पोर्टल पर दर्ज होने वाली पेयजल आपूर्ति संबंधी शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए मैकेनिज्म बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, नहरबंदी से प्रभावित 10 जिलों में पेयजल आपूर्ति के सम्बंध में की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली और मई माह में पर्याप्त पेयजल स्टोरेज रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पाली में माइंस में एकत्र पानी को पाइपलाइन के माध्यम से टंकी तक पहुंचाने के नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि अन्य जिलों में भी अधीक्षण अभियंता पेयजल के नए स्त्रोंतों की तलाश करें और इस प्रकार के नवाचारों को बढ़ावा दें। उन्होंने पाली जिले में रेल के माध्यम से जल परिवहन के बारे में भी जानकारी ली।
डॉ. अग्रवाल ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को समर कंटींजेंसी में नए हैण्डपंप लगाने, पुराने हैण्डपंपों की मरम्मत, स्वीकृत ट्यूबवैल की खुदाई तथा लग चुके ट्यूबवैल को बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने स्वीकृत हैण्डपंप एवं ट्यूबवैल की संख्या के बारे में जानकारी ली और कमिशनिंग में लंबित प्रकरणों को देखते हुए इसमें लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को चेताया।
बैठक में अधिकारियों ने समर कंटींजेंसी पर दिए प्रस्तुतीकरण में बताया कि माह अप्रेल से अगस्त 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 16164 गांव-ढाणियों में पेयजल व्यवस्था के लिए 86.89 करोड़ रूपए तथा 143 शहरों-कस्बों के लिए 29.11 करोड़ रूपए की राशि राज्य मद से जारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि ग्रीष्मकाल में 43 शहरों में 3033 टैंकर प्रतिदिन तथा 25 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 4142 गांव-ढाणियों में प्रतिदिन 3621 टैंकरों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। पाली शहर में रेल मार्ग द्वारा जल परिवहन के लिए 19.63 करोड़ की राशि जारी की गई है और वहां 28 अप्रेल से रेल मार्ग द्वारा प्रतिदिन 60 लाख लीटर से अधिक पानी का परिवहन किया जा रहा है। जिला कलेक्टर्स की अनुशंसा के अनुसार 15.93 करोड़ रूपए के 351 आकस्मिक कार्य स्वीकृत किए गए हैं। 1 अप्रेल से 19791 हैण्डपंपों की मरम्मत की गई है।
वीसी में संयुक्त शासन सचिव श्री प्रताप सिंह, जॉइंट सेक्रेट्री श्री रामप्रकाश, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (स्पेशल प्रोजेक्ट) श्री दलीप कुमार गौड़, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (जेजेएम) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता-जोधपुर श्री नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) श्री केडी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) श्री अमिताभ शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (स्पेशल प्रोजेक्ट) श्री बीएस मीना, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर-द्वितीय श्री मनीष बेनीवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर-प्रथम श्री अरूण श्रीवास्तव के अलावा सभी संभागीय कार्यालयों से अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं जिला मुख्यालयों से अधीक्षण अभियंताओं सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी भी जुड़े।