फतहनगर। समीपवर्ती ईंटाली में शुक्रवार को गौरज्या माता की शोभायात्रा निकाली गयी। सवा माह से चल रहा गवरी आयोजन शुक्रवार को वळावण के साथ ही सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर ईंटाली में गौरज्या माता की शोभायात्रा धूमधाम से निकली तथा ज्वारों का विसर्जन किया गया। शोभायात्रा में गवरी के मुख्य पात्र राईयां एवं राई बुढ़िया सहित अन्य लोक कलाकार शामिल हुए। गवरी के समापन पर आस पास के गांवों से भी व्यक्ति पहुंचे। ईंटाली समेत चायला खेड़ा, उदाखेड़ा-मन्नाखेड़ा,भीला खेड़ा,रोहिडा, बड़गांव, जोधाणा आदि गांव से गवरी प्रेमी गवरी देखने इंटाली पहुंचे। इसके पूर्व गुरूवार को गडावण के दिन सायं विधि विधान से गोरजा माता की पूजा अर्चना कर गोरजा माता की प्रतिमा को वहां से मंदिर ले जाया गया। वहीं गवरी के कलाकार गांव के व्यक्ति,बड़े बुजुर्ग, पटेल पटवारी आदि ने शोभायात्रा के साथ गोरजा माता को लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण में स्थापित किया जहां पूरी रात भर गोरजा माता के अखंड दीपक चलता रहा। यमराज को शिव पार्वती की शादी का आयोजन किया गया। आज शुक्रवार को गवरी के वलावन पर निकली हाथी की सवारी जिसे देखने वालों की भीड़ लगी रही। गवरी के कलाकारों के यहां मेहमानों का भी आना-जाना बना रहता है,वहीं गवरी में किरदार निभा रहे कलाकारों को ग्राम वासियों द्वारा उनके गणवेश जिसमें पूरी ड्रेस,साफा पगड़ी बनाई जाती हैं। इस दौरान मावली प्रधान पुष्करलाल डांगी भी करीब 2 बजे कलाकारों के बीच पहुंचकर कलाकारों को पुरस्कार दिए। गवरी में किरदार निभाने वाले कलाकारों के परिवार से औरतें अपने सिर पर जवारे लेकर नाचती गाती गौरज्या माता की जय के नारे लगाते गीत गाती सरोवर पर गई। इसी के साथ सवा महीना से चली आ रही गवरी का धूमधाम से वलावन एवं समापन किया गया।
फतहनगर - सनवाड