कोटडी में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के साथ किसानों ने चने खरीद की मांग ।
रेलमगरा(प्रहलाद गोठवाल)। राजसमन्द जिले में इस बार चना का कीर्तिमानी उत्पादन हुआ है। राजसमन्द व रेलमगरा तहसील में ही लगभग 1200 मेट्रिक टन चना होने का अनुमान है। इन दोनों तहसीलों में 7 खरीद केेन्द्र बनाए गए है किन्तु कई केन्द्रों पर तो चने का एक दाना भी नहीं खरीदा गया है।
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री व विधायक किरण माहेश्वरी ने आज राजसमन्द, कुंवारिया, रेलमगरा सहित ग्राम पंचायत कोटड़ी के ग्राम सेवा सहकारी समिति का भ्रमण कर किसानों से सरकारी खरीद एवं अन्य अभाव अभियोगों पर किसानों से विधायक ने चर्चा की। किसानों ने बताया कि कम पानी की आवश्यकता होने के कारण क्षेत्र में चना एक मुख्य फसल है। इस बार चने की अच्छी उपज हुई है, किन्तु सरकार खरीदी नहीं कर रही है। सरकारी खरीद के लिए पंजीयन सेवा भी बंद हो गयी है। किरण माहेश्वरी ने राजफेड के क्षेत्रीय एवं उच्च अधिकारियों से वार्ता की तो स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र में 250 टन खरीदी का ही लक्ष्य है, और अभी तक 150 टन खरीदी हो चुकी है। शेष 100 टन का भी पंजीयन किया जा चुका है, इसलिए खरीदी बंद कर दी गई है। गेहूँ में भी 25 प्रतिशत उत्पादन की ही खरीदी की जा रही है।
किरण माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर चना व गेहूँ की खरीदी सीमा का वास्तविक उत्पादन के आधार पर पुनर्निर्धारण करने की मांग की है। इससे कोरोना संकट की घडी में किसानों को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होनें अवगत कराया कि खरीदी नहीं होने से किसनाों को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होनें अवगत कराया कि खरीदी नहीं होने से किसानों को उज के भण्डारण व रखरखाव में समस्याऐं आ रही है। उपज को कीट लगने से गुणवत्ता खराब होने की भी आशंका है। खरीफ फसल की तैयारी के लिए किसानों को पूंजी की भी आवश्यकता है। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष गणेश लाल जाट, पूर्व उप सरपंच उदय लाल कालिया, भूरालाल मीणा , सरपंच अभिषेक चौधरी, सहकारी समिति अध्यक्ष प्रभु लाल जाट, केंद्र प्रभारी राजेन्द्र सिंह पंवार, देवेंद्र सुखवाल, देवीलाल सालवी,सत्यनारायण बोहरा, महेश आचार्य, भूरालाल जाट ,कैलाश चन्द्र खटीक, भेरूलाल सेन,भेरू सिंह सहित केंद्र पर किसान उपस्थित थे ।