उदयपुर। उदयपुर जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से विशेषकर बाल श्रम में जाने वाले बालकों के बचपन को संवारने एवं स्थानीय स्तर पर जरूरतमंद बालकों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास में सहयोग हेतु पंचायत जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा । यह बात आज गोगुंदा ब्लॉक स्तर चाइल्ड फंड इंडिया द्वारा गोगुंदा पंचायत समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन एवं क्षमता वर्धन कार्यशाला के शुभारंभ में जिले की बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धु्रव कुमार कविया ने कार्यशाला के शुभारंभ में कहीं। इसी के साथ उन्होंने बालकों के साथ होने वाले प्रकरणों में किशोर न्याय अधिनियम की मुख्य धाराओं पर भी समझाइश की। कार्यशाला के प्रारंभ में चाइल्ड फंड इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर पन्नालाल सेवदा ने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक एवं अलर्ट संस्थान के निदेशक बी.के. गुप्ता ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को लेकर ब्लॉक स्तर पर बनने वाली बाल संरक्षण समिति के उद्देश्य गठन एवं क्रिया कलापों को लेकर विस्तार से जानकारी दी एवं पुलिस थाना गोगुंदा के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी नंदलाल नागदा ने प्रकरणों में कानूनी कार्यवाहियों के बारे में बताया।
कार्यशाला के दौरान गोगुंदा पंचायत समिति के सहायक विकास अधिकारी चेतन कुमार तेली द्वारा गोगुंदा प्रधान सुंदरदेवी की अध्यक्षता एवं सदस्य सचिव द्वारा गठित पंचायत समिति स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन की घोषणा की गई। इसमें ब्लॉक के समस्त 32 पंचायतों के सरपंचों एवं पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के अध्यक्षों को सदस्यता दी गई एवं ब्लॉक के ब्लॉक सीएमएचओ, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी एवं सम्मानित एवं आमंत्रित सदस्यों के साथ संबंधित पुलिस उप अधीक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई व श्रम विभाग से सदस्य प्रतिनिधियों के मनोनयन करने का तय किया गया। कार्यशाला में सीडीपीओ पुष्पा दशोरा, बीसीएमओ डॉक्टर ओम प्रकाश रायपुरिया, सीडब्ल्यूपीओ नंदलाल नागदा, पूर्व प्रधान पप्पू राणा भील, लविना संस्थान के निदेशक भरत कुमार पुर्बिया एवं 22 पंचायतों के सरपंच प्रतिनिधियों के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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