जयपुर, 16 मार्च। कृषि मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्र्तगत 2 हजार मीटर से 4 हजार मीटर तक के क्षेत्र में ग्रीन हाऊस के लिए अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्रीन हाऊस के लिए किसान का चयन लॉटरी के द्वारा किया जाता है तथा किसान को ग्रीन हाऊस के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान देय होता है।
श्री कटारिया ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि पहले इस योजना में ‘‘पहले आओं पहले पाओं‘‘ के आधार पर किसानो को ग्रीन हाऊस हेतु अनुदान दिया जाता था लेकिन गत वर्ष से योजना के अन्र्तगत लॉटरी के द्वारा चयनित किसानों को अनुदान स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत जोधपुर में गत वर्ष 6 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें लोहावट विधानसभा क्षेत्र में ग्रीन हाऊस के लिए एक किसान का चयन हुआ है।
इससे पहले विधायक श्री किसनाराम विश्नोई के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि ग्रीन हाउस निर्माण के लिए राज्य के सामान्य श्रेणी के कृषकों को राष्ट्रीय बागवनी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान देय है एवं लघु, सीमान्त, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को उपरोक्त 50 प्रतिशत अनुदान के अलावा 20 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राज्य योजना से उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस प्रकार लघु, सीमान्त, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को ग्रीन हाउस व पोली हाउस में 70 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के बजट में अधिसूचित जनजाति क्षेत्रों के किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाना प्रस्तावित किया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि गत तीन वर्षों (2018-19 से 2020-21) में विधानसभा क्षेत्र लोहावट में ग्रीन हाउस निर्माण पर किसी भी कृषक को अनुदान से लाभान्वित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र लोहावट में गत 3 वर्षों के दौरान 5 पत्रावलियां प्राप्त हुई है जिनमें से एक कृषक श्री रावलचन्द पुत्र श्री घेवरचन्द, निवासी – नोसर को शेडनेट हाउस निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति इस वित्तीय वर्ष में जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शेडनेट हाउस का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर कृषक को अनुदान से लाभान्वित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अन्य कृषकों का लॉटरी प्रक्रिया में नम्बर नहीं आने के कारण अनुदान से लाभान्वित नहीं किया गया है।