फतहनगर। मेवाड़ प्रवर्तक जैन संत मदनमुनि महाराज का अंतिम संस्कार गुरूवार को राजसमंद जिले के घोड़ा घाटी स्थित पथिक विहार धाम के प्रांगण में किया जाएगा। मदनमुनि ने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में मंगलवार की देर शाम संथारा सहित अंतिम संास ली थी। समूचा जैन समाज इससे शोक मग्न हो गया।
घोड़ा घाटी में लगभग 11 बीघा के इस विशाल पथिक विहार क्षेत्र में भूखंड के बीचो बीच मदन मुनि महाराज की अंतिम विदाई के लिए विशाल चौक का निर्माण किया गया है,जहां पर गुरूवार को प्रातः11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। विदाई समारोह में भाग लेने के लिए देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों का देर रात तक घोड़ा घाटी पहुंचना जारी था। घोड़ा घाटी पथिक विहार के अध्यक्ष मांगीलाल लोढ़ा ने प्रातःकाल को बताया कि सुबह गुरुदेव को नाथद्वारा से सीधे घोड़ा घाटी लाया जाएगा,जहां पर डोल यात्रा के बाद बोलियों का कार्यक्रम होगा। तत्पश्चात गुरुदेव को अंतिम विदाई दी जाएगी। लोढा़ ने बताया 40-40 फिट का चबुतरा बनाया गया है जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कार्यक्रम को राजस्थान सरकार की कोरोना गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है जिसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ पूरी सतर्कता बरतते हुए कार्यक्रम को 400 कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा संपादित किया जा रहा है। पथिक विहार के महामंत्री लक्ष्मीलाल बडाला, कोषाध्यक्ष नेमीचंद धाकड़,पावनधाम संस्थान फतहनगर के अध्यक्ष मनोहरलाल लोढ़ा सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी देर रात तक समाधि स्थल की तैयारियों में जुटे रहे।
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