फतहनगर। कोरोना के चलते इस बार जलझूलनी का कार्यक्रम भी परम्परागत तरीके से नहीं हो पाया। यह पहला मौका था जब अथाह भक्तों की भीड़ नदारद थी। गिने चुने भक्तों के साथ वेवाण भी नहीं सजा बल्कि ठाकुरजी को कारों में विराजित कर सरोवर ले जाया गया। अखाड़ा मंदिर से ठाकुरजी कार में रवाना हुए तथा द्वारिकाधीश मंदिर से प्रभु द्वारिकाधीश दूसरी कार में बिराजे। इसके बाद आगे आगे ढोल वादक और पीछे दोनों ही कारें तथा गिने चुने भक्त चले। द्वारिकाधीश मंदिर से पुराना बाजार होते हुए सरोवर पहुंचे जहां पर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद दिखा तथा साथ आए श्रद्धालुओं को सरोवर पर जाने से पहले ही रोक दिया तथा निर्धारित संख्या में भी घाट पर ठाकुरजी के साथ भक्तों को जाने दिया गया। जो श्रद्धालु दर्शनों के लिए तालाब पर पहुंचे उन्हें तालाब के दूसरे छोर से ही आरती व दर्शनों का लाभ मिला। हालांकि लौटते समय पुराने बाजार में एक स्थान पर ठाकुरजी की आरती की गई तथा प्रसाद वितरण किया गया। ठाकुरजी के साथ द्वारिकाधीश मंदिर के पुजारी सत्यनारायण पालीवाल,कमल नयन पालीवाल मंदिर मण्डल के पदाधिकारी आदि थे।
फतहनगर - सनवाड