जयपुर। प्रदेश में जल जीवन मिशन में अभी तक कुल कनेक्शन का आंकड़ा 42.14 लाख को पार कर गया है। कुल कनेक्शन के आधार पर राजस्थान अभी देश में 12वें स्थान पर है जबकि जल जीवन मिशन में अभी तक 16 हजार 36 करोड़ रूपए खर्च कर व्यय के मामले में प्रदेश दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। मिशन के तहत चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 1521 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके हैं।
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि उच्च स्तर पर निरंतर मॉनिटरिंग एवं समीक्षा से प्रदेश में मिशन का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। राजस्थान ने अब तक के सर्वाधिक जल कनेक्शन का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 31 मार्च को एक दिन में 27 हजार 470 कनेक्शन किए थे। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 14 लाख 13 हजार 679 जल कनेक्शन किए जा चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में कुल 4.75 लाख कनेक्शन का लक्ष्य है, जिसमें से 31 मई तक 3.05 लाख कनेक्शन हो चुके हैं।
लक्ष्य प्राप्ति में झालावाड़ जिला सबसे आगे
वित्तीय वर्ष 2022-23 के जल जीवन मिशन के तय लक्ष्यों को हासिल करने वाले श्रेष्ठ 5 जिलों में झालावाड़ ने 76 प्रतिशत, भीलवाड़ा ने 71, कोटा ने 69, चित्तौड़गढ़ ने 66 एवं उदयपुर ने 66 प्रतिशत प्रगति दर्ज की। प्रदेश में कुल 7 जिलों ने 50 फीसदी से अधिक जल कनेक्शन का लक्ष्य हासिल किया है।
प्रथम तिमाही में पकड़ी रफ्तार
डॉ. जोशी ने बताया कि वर्ष 2023 की शुरूआत जेजेएम के लिए काफी अच्छी रही। मिशन ने जनवरी से मार्च की तिमाही में रफ्तार पकड़ी और तीन महीनों में 7 लाख 34 हजार 715 जल कनेक्शन दिए गए। अकेले मार्च माह में 3 लाख 74 हजार 65 ग्रामीण परिवारों को जल कनेक्शन दिए गए। प्रतिदिन जल कनेक्शन का औसत भी मार्च में 12,067 तक पहुंच गया था।
42.14 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल
जलदाय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 42.14 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल के माध्यम से जल पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई तब राजस्थान में महज 10 प्रतिशत जल कनेक्शन ही उपलब्ध थे। दिसम्बर 2019 में प्रदेश में हर घर जल कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी, जो अब बढ़कर 42 लाख 14 हजार हो गई है। 2019 से लेकर अभी तक देखें तो राजस्थान में 30 लाख 50 हजार नए जल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जो कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले हमारे राज्य के लिए एक उपलब्धि है।
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